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ग्राम उमरिया में पोषाहार वितरण में हो रही धांधली,उच्चाधिकारियों से हुई शिकायत

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रिपोर्ट-ब्यूरो चीफ गोण्डा

हलधरमऊ, गोण्डा। स्थानीय विकासखंड के विभिन्न ग्राम पंचायतों के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 माह से लेकर 6 बर्ष तक के बच्चों को पोषाहार, कुपोषित बच्चों की देखभाल, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार, किशोरियों एवं धात्री महिलाओं के लिए भी शासन द्वारा पोषाहार का वितरण प्रत्येक माह किया जाना है। जिसके लिए बाल विकास पुष्टाहार विभाग के द्वारा प्रत्येक केंद्रों पर पर लाखों रुपयों का पुष्टाहार (खाद्य सामग्री) उपलब्ध करायी जाती है। वहीं सरकार ने कार्यकत्रियों के खिलाफ शिकायतों को ध्यान में रखकर इनके साथ स्वयं सहायता समूह को भी इसमें शामिल किया है। लेकिन उसके बाद भी सरकार की मंशा के अनुरूप पुष्टाहार लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसी क्रम में परियोजना क्षेत्र हलधरमऊ के ग्राम पंचायत उमरिया में महिलाओं ने एक वर्ष से पोषाहार व अन्य पोषक सामग्री ना मिलने और जिम्मेदार लोगों द्वारा पोषण सामग्री को ग्राम के लाभार्थियों को नियमानुसार वितरण ना करके आपस में बंदरबाँट कर लिये जाने के संबंध मे कई बार अधिकारियों से शिकायत होने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही ना होने से विवश होकर गांव के महिलाओं,बच्चों, लाभार्थियों ने उच्चाधिकारियों से संपूर्ण प्रकरण की जांच कर उचित कार्यवाही करने और पोषाहार सहित अन्य पोषक सामग्री दिलाने की गुहार लगाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण बाल विकास एवं पुष्टाहार परियोजना कार्यालय हलधरमऊ क्षेत्र से जुड़ा है, जिसके अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र पर 6 माह से 3 साल, 3 साल से 6 साल तक बच्चे और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए सरकार द्वारा चना दाल, दूध, देसी घी, चावल, गेहूं व रिफाइंड तेल दिया जाता है। लेकिन सरकार की इस अति महत्वाकांक्षी योजना पर सीडीपीओ, सुपरवाइजर,लिपिक व जिम्मेदार लोग मिलकर पानी फेर रहे हैं। इसी परियोजना क्षेत्र के ग्राम उमरिया आंगनबाड़ी केंद्र के अन्तर्गत ग्राम के महिलाओं,बच्चों ने बताया कि उनके गांव में करीब एक वर्ष से पोषाहार व अन्य वस्तुओं का वितरण नहीं किया गया है और लगातार पोषाहार स्वयं सहायता समूह द्वारा उठान करके जिम्मेदार लोगों की मिलीभगत से कागजों में वितरण दिखाकर बंदरबांट करते हुए गबन किया जा रहा है। वहीं बिना वितरण किये विभागीय अधिकारियों और ग्राम पंचायत के जिम्मेदार लोगों की सांठगांठ से फर्जी तरीके से उठान भी कर लिया जाता है, जो सरासर गलत है। गाँव की कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें बीते एक वर्ष से पोषाहार व अन्य वस्तुओं का वितरण नहीं किया गया है। इसकी शिकायत अधिकारियों से कई बार करने के बाद भी अभी तक पोषाहार,चावल, गेहूं व रिफाइंड तेल, दाल, दूध, देसी घी आदि का वितरण नहीं किया गया है। जिससे विवश होकर गांव की महिलाअो,बच्चों, लाभार्थियों ने उच्चाधिकारियों से संपूर्ण प्रकरण की जांच कर उचित कार्यवाही करने और पोषाहार सहित अन्य पोषक सामग्री दिलाने की गुहार लगाई है।

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