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मत्स्य प्रजनन एवं जीरों का संवर्धन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न

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रिपोर्ट-प्रमोद कुमार चौहान

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, मनकापुर गोंडा के तत्वाधान में पांच दिवसीय मत्स्य प्रजनन एवं जीरों का संवर्धन विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ मिथलेश कुमार पाण्डेय ने किया। डॉ पाण्डेय ने कृषकों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत का विश्व में मत्स्य पालन में द्वितीय स्थान है और इस क्षेत्र में प्रगति की अनेक संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी कृषकों को विभिन्न अनुदान देकर मत्स्य पालन हेतु प्रोत्साहित कर रही है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ पी के मिश्रा ने पाली जाने वाली मछलियों की विभिन्न प्रजातियों एवं तालाब के बांध पर फूलों एवं फलों की खेती के विषय में बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राम लखन सिंह ने मछलियों के आहार प्रबंधन तथा मत्स्य परिवहन विषय पर किसानों को जानकारी दी। विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ मनोज सिंह ने मत्स्य प्रजनकों की पहचान और उनके पालन के बारे में किसानों को बताया। मत्स्य विशेषज्ञ डॉ शशांक सिंह ने मछलियों के प्रेरित प्रजनन, प्रयुक्त होने वाले हारमोंस तथा सर्कुलर कार्प हैचरी में स्पॉन रखरखाव के दौरान ध्यान देने वाली बातों पर प्रशिक्षित किया। डॉ मनीष कुमार मौर्य ने तालाब प्रबंधन हेतु अवांछनीय खरपतवार एवं जलीय कीटों के उन्मूलन के लिए जानकारी दी। श्री अजय बाबू ने जीरों के संवर्धन हेतु तालाब निर्माण तथा भूमि के चयन की जानकारी दी। डॉ पाण्डेय ने तालाब के बंधे पर लगाये जाने वाले पौधों की जानकारी दी। वीरेंद्र उपाध्याय, आनंद, राहुल चंद, सूर्य प्रकाश आदि ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण को सफल बनाने हेतु श्री इंद्र भूषण सिंह, रोहित, विक्रम और मेला राम का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम के अंतिम दिन केंद्र पर तैयार सहजन की पौध वितरित की गई।

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