फसलों का बीमा अवश्य कराएं किसान भाई
1 min readरिपोर्ट- विजयपाल वर्मा
बलरामपुर। खरीफ मौसम के अन्तर्गत विपरीत मौसम परिस्थितियों के कारण 15 जुलाई तक जनपद में सामान्य से लगभग 75 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इस कारण जनपद में खरीफ की मुख्य फसलों यथा धान की रोपाई/बुवाई भी गत वर्ष की तुलना में कम हुई है।जिला कृषि अधिकारी आर0पी0 राना ने जनपद के सभी किसान भाइयों को सूचित करते हुये बताया कि दैवीय आपदा की स्थिति में फसलों का बीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से जनपद में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का संचालन ग्राम पंचायत को इकाई मानते हुये किया जा रहा है। यदि ग्राम पंचायत क्षेत्र में अधिसूचित फसल धान की दैवीय आपदा अर्थात् सूखा होने से रोपाई/बुवाई 31 जुलाई, 2022 तक 75 प्रतिशत या इससे कम होती है या रोपाई होकर सूख जाती है तो अपनी फसल का बीमा कराये। कृषकों को फसल बीमा योजना की गाइड लाइन्स के अनुसार बीमित राशि के सापेक्ष 25 प्रतिशत धनराशि क्षतिपूर्ति/क्लेम के रूप में फसल बीमा कम्पनी द्वारा तत्काल प्रदान कर दी जायेगी।उन्होंने किसान भाइयों से अपील की है कि अपनी फसल का बीमा 31 जुलाई, 2022 तक अवश्य कराएं, जिससे असफल रोपाई/बुवाई की स्थिति मंे फसल बीमा कम्पनी से क्षतिपूर्ति दिलाई जा सके। खरीफ मौसम में कृषकों को अपनी फसलों का बीमा करने हेतु बीमित राशि का केवल 02 प्रतिशत धनराशि बीमा प्रीमियम के रूप में देना पड़ता है। जिन कृषकों द्वारा किसी भी बैंक शाखा में ऋण प्राप्त किया गया है वे अपनी फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक शाखाओं से करा सकते है तथा गैरऋणी कृषक अपनी फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक शाखा के साथ-साथ जनसुविधा केन्द्रों एवं भारत सरकार के पोर्टल w.pmfby.gov.in के माध्यम से करा सकते है। बीमा कराने के लिए गैरऋणी कृषकों को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक व खतौनी की छायाप्रति, प्रीमियम की धनराशि व बोई जाने वाली फसलों का घोषणा पत्र भरकर देना होगा। ऋणी कृषकों को बीमा में शामिल न होने के सम्बन्ध में अपना प्रार्थना पत्र सम्बन्धित बैंक को बीमा की अन्तिम तिथि से 07 दिन पूर्व देना अनिवार्य है।उन्होंने समस्त बैंक के कर्मचारियों/अधिकारियों तथा जनसुविधा केन्द्र के क्रामिकों से अपील किया है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करते हुये कृषकों को अपनी फसल का बीमा कराने हेतु प्रेरित करें, ताकि दैवीय आपदा की स्थिति में बीमित कृषकों को क्षतिपूर्ति का लाभ प्राप्त हो सके।