एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने पर सम्भव है: किसानों की आय में वृद्धि
1 min readरिपोर्ट=ब्यूरो चीफ गोंडा
कृषि विभाग द्वारा विकास खंड परिसर धर्मापुर एवं मुफ्तीगंज में विकास खंड स्तरीय खरीफ़ किसान गोष्ठीयों का आयोजन किया गया। जिनमें किसान भाइयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी सलाहकारों ने किसानो को खेती के नए आयामों को बताया। इन गोष्ठीयों में एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाने पर ज़ोर डाला गया ताकि मंझले एवं छोटे किसानो की आय को भी बढ़ावा मिल सके। साथ ही साथ आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, अमिहित, जौनपुर-2 के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार के निर्देशन में केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार सिंह ने किसान भाइयों को पशुपालन के उचित प्रबंधन की सलाह दी उन्होने कृषि एवं पशुपालन की वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में बताया और उन्हें अपनाने की सलाह दी। डॉ सिंह ने किसानो को सम्बोधित करते हुए कहा कि बारिश के मौसम में पशुओं के बाड़े से बारिश के फालतू पानी की तत्काल निकासी उचित प्रबंधन करे और बाड़े को हवादार बनाए रखें ताकि अत्यधिक नमी बाड़े के भीतर न रहे जिससे इस मौसम में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम हो सके तथा किसान भाई अपने पशुओं को खुरपका एवं मुंहपका बीमारी से बचाव हेतु पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराये।जिससे पशुओं के खान-पान एवं स्वास्थय प्रबन्धन करके पशुपालन से अधिकतम लाभ लेकर किसान अपनी आय बढ़ा सकें।
विकास खंड परिसर मुफ्तीगंज में किसान गोष्ठी के दौरान केन्द्र के कृषि वानिकी वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार ने सब्जियों की खेती में एकीकृत फसल प्रबंधन पर चर्चा की उन्होंने कहा कि किसान भाई सब्जियों की फसलों में एकीकृत फसल प्रबन्धन विद्या को अपनाकर फसल की लागत को कम करते हुये प्रति इकाई क्षेत्रफल से अधिक उत्पादन लेकर अच्छी आय कमा सकते है ।
कार्यक्रम के समापन के दौरान उप कृषि निदेशक, जौनपुर एवं मंचासीन अधिकारियों एवं विशेष्ठज्ञों द्वारा प्रगतिशील किसानो का सम्मान फूल-मालाओ से किया।