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हलधरमऊ सीएचसी क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप, एक महिला की मौत

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रिपोर्ट =ब्यूरो चीफ गोंडा

कई पीड़ित लोगों का निजी अस्पताल व जिला अस्पताल में चल रहा इलाज

सीएचसी प्रशासन की आमजन को पहले से समय समय पर संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु किये जाने वाले सुरक्षा प्रबंधों एवं बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था के किये जा रहे दावों की खुली पोल

कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा । स्थानीय तहसील क्षेत्र के हलधरमऊ सीएचसी अन्तर्गत एक गांव में डायरिया के प्रकोप से एक ही परिवार के आठ लोग पीड़ित हैं, जिसमें एक महिला की मौत हो गई। वहीं अन्य सभी पीड़ितों का निजी अस्पताल व जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलधरमऊ क्षेत्र का है, जिसके अन्तर्गत ग्राम छिटवापुर के लोगों में डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे गुरुवार की शाम जमुना सिंह की 72 वर्षीय पत्नी रामलली की मौत हो गई। जबकि परिवार के रामसूरत सिंह 52 वर्ष, किरन सिंह 50 वर्ष, मौसमी सिंह 20 वर्ष, ज्योति सिंह 18 वर्ष, सोनाली सिंह 14 वर्ष, शिवम सिंह 9 वर्ष, रिया सिंह 4 वर्ष डायरिया से पीड़ित हैं। जिसमें किरन सिंह व ज्योति सिंह का इलाज जनपद मुख्यालय गोण्डा के एक निजी अस्पताल में चल रहा है और अन्य लोगों को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हलधरमऊ से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। इसी के साथ ही नकछेद व हनुमान प्रसाद की पत्नी का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गाँव में बीते छह अगस्त से लोग डायरिया से पीड़ित हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी हीरालाल ने ग्रामीणों से पूंछताछ कर सीएचसी अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिया। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलधरमऊ के अधीक्षक डॉ.संत प्रताप वर्मा का कहना है कि मरीजों की हालत को देखते हुये जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में लगाया गया है जो दवा के छिड़काव के साथ आवश्यक बचाव कार्य कर रहे है। बताते चलें कि इस बीमारी के प्रकोप ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों/सीएचसी प्रशासन की आमजन मानस को पहले से समय समय पर संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु किये जाने वाले सुरक्षा प्रबंधों एवं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था के किये जा रहे दावों की पोल खोल कर रख दी है। मालूम हो कि सीएचसी प्रबंधन की घोर लापरवाही और अपने दायित्वों के प्रति गंभीर उदासीनता बरते जाने का यह नया मामला नहीं है बल्कि सीएचसी में व्याप्त अनेकों गंभीर अनियमितताओं और अपनी कारगुज़ारियों को लेकर सीएचसी अधीक्षक संत प्रताप वर्मा की कार्यप्रणाली काफी समय से सवालिया घेरे में है और सीएचसी में ऐसे मामले प्रायः देखे जा सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी सब कुछ जानते हुए अंजान बने रह कर मौन साधे हुए हैं जो काफी चर्चा का विषय बना है ।

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