ऐ वतन तेरी आबरू की हिफाजत के लिएहम मुहिब़बे वतन जान भी दे सकते हैं
1 min readरिपोर्ट=ब्यूरो चीफ गोंडा
आज़ादी के 75 वें अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर मुस्कान सेवा संस्थान व हृयूमन राइट ग्लोबल फाउंडेशन के बैनर तले नगर पालिका गैंसड़ी के पंचायत भवन में एक भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया जिसमें शायरों ने अपनी रचना प्रस्तुत करके श्रोताओं से खूब वाहवाही लूटी
मुशायरा आयोजक रहे पूर्व प्रधान व नगर पालिका गैंसड़ी चेयरमैन पद के भावी प्रतियाशी श्री कमालुद्दीन जी
मुशायरा की अध्यक्षता प्रसिद्ध शायर डाक्टर श्री अताउल्लाह सादिक रनियापुरी ने की
मुशायरा के संचालक रहे शायर श्री अकमल बलरामपुरी
मुख्य अतिथि रहे श्री कमालुद्दीन जी विशिष्ट अतिथि रहे श्री परमवीर जी
प्रेस रिलीज़ के माध्यम से चर्चा करते हुए प्रसिद्ध शायर श्री तनवीर साकिब बलरामपुरी ने कहा कि शायरी अदब एक ऐसा अदब है जो किसी भी समय सियासी एवं समाजी हालात को परिवर्तन कर सकता है जंगे आजादी के समय शायरों ने अपनी शायरी के माध्यम से लोगों के दिलो में भरपूर जोश एवं वतन के लिए मर मिटने का जज्बा पैदा किया
शायरों के द्वारा प्रस्तुत की गई रचना कुछ इस प्रकार है!
ऐ वतन तेरी आबरु की हिफाजत लिए
हम मुहिबबे वतन जान भी दे सकते हैं
( शायर तनवीर साकिब बलरामपुरी)
जान भी देकर करना हिफाजत
प्रचम का सम्मान यही है
(शायर अताउल्लाह सादिक. रनियापुरी)
जान जाती तो फक्त जाए नहीं गम कोई
मादर हिंद तेरी अस्मत नहीं लुटने दुंगा
(शायर रेहान अशरफ उत्साही तुलसीपुरी)
पुरी दुनिया की वफाओं में चुना था जिसको
हां वही शख्स मोहब्बत में मुनाफिक निकला
(शायर अकमल बलरामपुरी)
इनके अतिरिक्त शायर शाहरुख साहिल एवं कवि पंकज सिद्धार्थ मुशायरे में आमंत्रित रहे
संचालक महोदय ने प्रोग्राम के अन्तिम में ईश्वर से प्रार्थना की कि इस देश में हमेशा अम्न व शान्ति रहे और साथ में श्रोताओं से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की और इसी पर मुशायरा का समापन किया