कोटे की दुकान चयन बैठक में नियम पूछने पर सचिव उमेश द्विवेदी का मनमानीपूर्ण रवैया चर्चा में
1 min readअजीबो गरीब बयान – कहा कि कोई मानक नहीं है अनपढ़ भी बन सकते हैं कोटेदार
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत ब्लॉक हलधरमऊ के ग्राम पंचायत धमसडा़ में कोटे की दुकान आवंटन बैठक में नियम पूछने पर सचिव उमेश द्विवेदी का मनमानीपूर्ण रवैया सवालिया घेरे में हैं। जिसमे उनके द्वारा यह कहा जाना कि कोई मानक नहीं है अनपढ़ भी कोटेदार बन सकते हैं, यह अजीबो गरीब बयान काफी चर्चा में है। प्रकरण तहसील कर्नलगंज क्षेत्र के विकासखंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत धमसडा़ से जुड़ा है। जहाँ सरकारी राशन वितरण दुकान के चयन प्रक्रिया में अनियमितता व पक्षपात के संबंध में पूर्णिमा चौधरी ने खंड विकास अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत धमसडा़ विकासखंड हलधरमऊ तहसील कर्नलगंज जनपद गोंडा के प्राथमिक विद्यालय धमसड़ा में बैठक बुलाई गई, जिसमे ना तो सभी ग्रामीणों को सूचित किया गया और ग्राम पंचायत में संचालित सिर्फ वैभव स्वयं सहायता समूह को सूचना दी गई व अन्य समूह बेखबर रहे।मौके पर उपस्थित ग्राम पंचायत अधिकारी उमेश द्विवेदी व एडीओ आई एस बी के अलावा कोई भी विभागीय अधिकारी उपस्थित नहीं था। ग्राम प्रधान व सचिव और एडीओ आई एस बी के मनमानी से केवल एक स्वयं सहायता समूह नारायणी एस०एच०जी के एक महिला माया देवी पत्नी लल्लू का ही चयन ग्राम प्रधान व प्रतिनिधि और आए हुए अधिकारी के दबाव में प्रस्ताव भेजा गया जो कि नियम के विरुद्ध है। क्योंकि जिस का प्रस्ताव भेजा गया वह महिला निरक्षर है। जबकि नियमानुसार आवेदक को हाई स्कूल उत्तीर्ण होना जरूरी है। समूह के अलावा दो और आवेदन आये जिसमें महिलाएं अनुसूचित जाति की साक्षर महिला थी। इन प्रस्ताव को ग्राम पंचायत अधिकारी उमेश द्विवेदी द्वारा दरकिनार करते हुए निराधार महिला के प्रस्ताव पर सहमति जताई गई। जब इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि कोटा चयन में शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल अनिवार्य है और वहीं खंड विकास अधिकारी ने सही चयनित प्रक्रिया का आश्वासन दिया। इन सब कमियों को देखते हुए यह साफ पता चल रहा है कि कोटा चयनित में आए हुए अधिकारी कहीं ना कहीं नियम के विरुद्ध चयनित प्रक्रिया को पूर्ण करने की कोशिश कर रहे हैं। इस संपूर्ण मामले से कोटा चयन विवादों के घेरे में है।