जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस बड़े ही शानो शौकत से निकाला गया
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रिपोर्ट – नूर मोहम्मद
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उतरौला (बलरामपुर)।सहाबा का परचम उठाए चला चल, कदम अपने आगे बढ़ाए चला चल। जुलूस ए मोहम्मदी में कारवां आगे बढ़ा, तो पीछे-पीछे अंजुमन मजहबी झंडे व परचम लेकर नात, मनकबत व दुरुद ओ सलाम पेश करते हुए साथ हो चले। ईद-ए-मिलादुन्नबी पर मंगलवार को उतरौला के बरदही बाजार से जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस बड़े ही शानो शौकत से निकाला गया। जुलूस-ए-मुहम्मदी का सिलसिला शुरू हुआ, तो शहर के विभिन्न इलाकों से आई अनेक अंजुमन अपने-अपने परचम व झंडों के साथ दुरुद ओ सलाम पढ़ती जुलूस के साथ हो चले। बरदही बाजार से चलकर कर्बला होते हुए जुलूस गोंडा मोड़ पहुंचा जहां मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत मौलाना मेराज अहमद ने पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की जिंदगी पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि नबी पाक की शिक्षाओं पर चलकर ही मुसलमान न केवल अपनी जिदंगी को बेहतर बना सकता है, बल्कि इस्लामी पैगाम को दुनिया में आम करके समाज की बुराईयों से भी छुटकारा पा सकता है।
मौलाना नईम व रहीम रज़ा ने परचम-ए-तराना पेश किया। परचम ए तराना सुनकर रूस में शामिल अकीदत मन झूम उठे। जुलूस गोंडा मोड़ से आगे बढ़ता हुआ ज्वाला महारानी मंदिर, जामा मस्जिद पहुंचा जहां मदरसा ज़ियाउल इस्लाम के प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद अजमल ने सीरते मुस्तफा पर रोशनी डाली। गांधी नगर पुलिस चौकी के रहने वाले राजा भारती आमिर निजाम जमील अहमद द्वारा जुलूस में शामिल अकीदत मंदों के लिए सार्वजनिक प्याऊ की व्यवस्था कर बोतल पानी वितरित किया।समाजसेवी वह सपा नेता रब्बू सिद्दीकी द्वारा जुलूस में शामिल अकीदत मंदो की प्यास बुझाने के लिए बोतल पानी भरा एक वाहन पूरे जुलूस में चलवाते रहे। प्यास की शिद्दत महसूस कर रहे अकीदत मंद, अपनी प्यास बुझाने के लिए रब्बू सिद्दीकी के वाहन से पानी बोतल लेकर, अपनी प्यास बुझाते रहे। समाजसेवी व सपा नेता रब्बू सिद्दीकी द्वारा जामा मस्जिद, राजा बाजार, व कारगिल समेत चार स्थानों पर, मार्केट के पास बोतल पानी, बिस्किट, ड्राई फ्रूट, कोल्ड ड्रिंक, बच्चों के लिए फ्रूटी का स्टाल लगाया गया था। सपा नेता रब्बू सिद्दीकी ने खुद अपने हाथों व सहयोगियों से जुलूस में शामिल लोगों को बोतल पानी, ड्राई फ्रूट, कोल्ड्रिंक व बच्चों को फ्रूटी वितरित किया। ए आई एम आई एम पार्टी से, नगर पालिका परिषद उतरौला के भावी उम्मीदवार, आबिद रज़ा द्वारा। जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल अकीदत मंदो के लिए बोतल पानी बिस्किट का स्टाल लगाया गया था। अकीदत मंदो को पानी, बिस्किट वितरण में डॉक्टर फैयाज हाशमी, आमिर निजाम, आबिद अली शाह का सराहनीय सहयोग रहा।सपा नेता एजाज मलिक द्वारा, जुलूस में शामिल अकीदत मंदो के लिए राजा बाजार के निकट मुख्य मार्ग पर सार्वजनिक प्याऊ लगाकर। बोतल, पाउच व डब्बा बंद पानी की व्यवस्था की गई थी। जुलूस में शामिल अकीदत मंदो को पानी पिलाने में कल्लन खां, मोहम्मद जमाल, मुजफ्फर शाह, मोहम्मद मसी, मोहम्मद वसी, तालिब जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल अकीदत मंदो की खिदमत में लगे रहे।
मास्टर मोहम्मद फिरोज, मोहम्मद शमी, अशफाक अंसारी ने जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल लोगों पर पुष्प वर्षा कर अकीदत मंदो का इस्तकबाल करते हुआ हॉटन रोड पहुंचा। जहां मौलाना हामिद रजा नूरी ने जुलूस को खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह ने सबसे पहले नबी के नूर को बनाया, फिर उसी नूर से पूरी कायनात को बनाया।इसलिए पूरी इंसानियत के लिए 12 रबीउल अव्वल का दिन रहमतों व बरकतों वाला है। लोगों से नबी के बताए हुए रास्तों पर अमल करने की अपील की। जुलूस हटन रोड से बढ़ता हुआ चांद मस्जिद पर रुका जहां मौलाना नूरानी ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब को इंसानों की रहनुमाई के लिए भेजा। नबी की शिक्षाओं पर अमल कर इंसान न केवल अपनी जिंदगी, बल्कि एक बेहतर समाज बना सकता है। जरूरत इस बात कि हैं कि मुसलमान नबी-ए-करीम की शिक्षाओं को घर-घर तक पहुंचाए। इस बीच रसूल की आमद की खुशी में पूरा इलाका नारे तकबीर अल्लाहु अकबर के नारों से गूंज उठा। जुलूस के इंतजार में सड़क किनारे खड़े जायरीनों ने पूरे रास्ते फूलों की बारिश कर इस्तकबाल किया। जुलूस के दौरान पूरे रास्ते में अनेक तंजीमो द्वारा जुलूस में शामिल लोगों को मिठाई, बिस्किट, पानी, शरबत, बिरयानी,शीरमाल आदि वितरित किया।जुलूस अपने निर्धारित मार्ग से होता हुआ आसाम रोड चौराहा पहुंचा।जहां मुफ्ती मोहम्मद जमील खान ने जुलूस को खिताब करते हुए मुसलमानों के आखरी नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की विलादत से पहले पूरी दुनिया सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों का शिकार था। लोग तरह-तरह के बुतों की पूजा करते थे। सैकड़ों की तादाद में, कबीले थे, जिनके अलग-अलग नियम और कानून थे। कमजोर और गरीबों पर जुल्म होते थे। और औरतों का जीवन सुरक्षित नहीं था। मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने लोगों को एक ईश्वरवाद की शिक्षा दी। अल्लाह की इबादत पर बल दिया। लोगों को पाक-साफ रहने के तरीके बताए। सभी लोगों के जानमाल की सुरक्षा के लिए भी इस्लामिक तरीके, लोगों तक पहुंचाए। साथ ही (अल्लाह) रब्बुल इज्जत, के पाक संदेश को भी सभी लोगों तक पहुंचाया।
सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की खुशहाली अमन चैन के लिए दुआ कर जुलूस-ए मोहम्मदी का समापन किया गया।जुलूसे मोहम्मदी’ की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन मुस्तैद रहा। जमीन पर सुरक्षा बल और आसमान से ड्रोन कैमरों के जरिये जुलूस मार्ग के चप्पे-चप्पे पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। इसके अतिरिक्त जुलूस के प्रत्येक गतिविधि की वीडियों रिकॉर्डिंग हुई।
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