फसल बीजजनित व भूमिजनित रोगों से प्रभावित न हो इसलिए किसान भाई भूमिशोधन व बीजशोधन अवश्य करें-जिला कृषि रक्षा अधिकारी
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रिपोर्ट – पवन गुप्ता
बलरामपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डाॅ0 इन्द्रेषु कुमार गौतम ने किसान भाइयों को सूचित करते हुये बताया कि वर्तमान समय में रबी की फसलों की बुआई प्रारंभ होने वाली है। भविष्य में फसल बीजजनित व भूमिजनित रोगों से प्रभावित न हो इसलिए भूमिशोधन व बीजशोधन किया जाना अति आवश्यक है। बीज शोधन हेतु 05 ग्राम ट्राइकोडर्मा अथवा कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत् 02 ग्राम अथवा थीरम 75 प्रति0 2.50 ग्राम अथवा टेब्यूकोनाजोल 2 प्रतिशत् 01 ग्राम प्रति किग्रा0 की दर से बीज में मिलाकर बुआई करें। गेहूॅ की फसल में स्मट रोग से बचाव एवं मटर, मसूर, चना, मिर्च में उकठा रोग तथा सरसों, राई में पाउडरी मिल्ड्यू रोग से बचाव हेतु बोने से पूर्व बीज को 03 ग्राम थीरम अथवा 02 ग्राम कार्बेण्डाजिम प्रति किग्रा0 बीज की दर से बीजशोधन कराकर ही बुआई करना चाहिए। इस समय गन्ने की फसल में लालसड़न रोग की समस्या अधिक फैल रही है, इसकी रोकथाम हेतु स्यूडोमोनास फ्लोरासेंस 0.5 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 01 किग्रा प्रति0 कुन्टल की दर से बीजशोधन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भूमिशोधन हेतु ट्राइकोडर्मा हारजेनियम 02 प्रति0 डब्ल्यू0पी0 01 किग्रा0 लगभग 30 किग्रा0 सड़ी हुई गोबर की खाद मंे मिलाकर एक सप्ताह के लिए छाया में रख दें तथा बुआई के पूर्व आखिरी जुताई पर खेत में मिला दें। यदि आपका खेत दीमक से प्रभावित हो तो व्यूवेरिया बैसियाना से भूमिशोधन उपरोक्त विधि से अथवा 2.50 लीटर क्लोरोपायरीफास 20 प्रति0 ई0सी0 को 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति0 हेक्टेयर छिड़काव कर सकते है। खेत में किसी प्रकार की कीट/रोग के प्रकोप की स्थिति में सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के व्हाट्सएप नम्बर- 9452247111, 9452257111 पर इसकी फोटो भेज कर अपनी समस्या का समाधान 48 घण्टे के अन्दर प्राप्त कर सकते है।
