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एनजीटी की सख्ती के बावजूद जलाया जा रहा है कूड़ा,जिम्मेदार बने अनजान

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रिपोर्ट – नूर मोहम्मद

उतरौला(बलरामपुर) प्रदूषण को कम करने के लिए कूड़ा जलाने पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की सख्ती के बावजूद नगर पालिका के कस्बा सहित गांव में बेरोक-टोक कूड़े जलाए जा रहे। उतरौला नगर पालिका से लगभग कई कुंटल कूड़ा रोजाना निकलता है। जिन्हें नगर से पचपेड़वा मार्ग के किनारे इकट्ठा कर जला दिया जाता है। जो हवा में जहर घोल रहा।उतरौला नगर पालिका में कूड़ा प्रबंधन की अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। यह जरूर है कि नगर पालिका को कूड़ा निस्तारण के लिए मैनहा देवरिया गांव में जमीन मिल चुकी है ।लेकिन अभी कूड़े निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड एव प्लांट नहीं लगाया गया। इससे कूड़े को सड़क किनारे फेंका जा रहा।उतरौला नगर में कूड़ा प्रबंधन की ठोस व्यवस्था न होने से आमजन बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। नगर पालिका परिषद के सफाईकर्मी व आमजन सड़क किनारे एकत्र कूड़े को जला रहे हैं। पॉलीथिन समेत अन्य कचरे के जलने से निकलने वाली गैस फिजाओं में जहर घोल रही है। पर्यावरण प्रदूषित होने से लोग सांस के मरीज बनते जा रहे हैं। जिससे सुबह स्वच्छ प्राणवायु की चाह में मॉर्निंग वाक पर निकलने वाले लोग स्वस्थ होने के बजाय बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। नगर वासियों का कहना है कि शहर में दुकानदार अपने आसपास कूड़े को एकत्र कर जला देते हैं। कूड़े में पॉलीथिन की मात्रा अधिक रहती है। जिसके जलने पर निकलने वाली गैस से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। इसलिए कूड़े को जलाने के बजाय डंप करना चाहिए। ताकि पर्यावरण संतुलन के साथ स्वास्थ्य सलामत रहे। नगर पालिका परिषद के सफाईकर्मी सड़क व मुहल्लों में झाड़ू लगाने के बाद कूड़े के ढेर को किसी कोने में इकठ्ठा कर कई दिनों तक छोड़ देते हैं। आस पास के लोग कूड़े के ढेर में आग लगा देते हैं, जिससे सुबह घूमने निकलने वाले लोगों को ताजी हवा के बजाय जहरीली गैसों का सामना करना पड़ रहा है। नगर के होटलों व ढाबों की भट्ठियों पर जलने वाला कोयला भी हवाओं में जहर घोल रहा है। इसलिए इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। गुरुदयाल डीह के पास पचपेड़वा मार्ग के किनारे कूड़ा डंप किया जाता है। कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध के बाद भी नगर पालिका परिषद के अधिकारी इस गंभीर समस्या को लेकर उदासीन बने हुए हैं।
पर्यावरण व मानव जीवन को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रशासन के साथ आमजन की सहभागिता आवश्यक है। इसके लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाना चाहिए, ताकि लोगों को कूड़ा जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा सके। जिससे मॉर्निंग वाक को निकलने वाले लोगों को जहरीली गैस के बजाय शुद्ध ऑक्सीजन मिले।

अधिकारी के बोल

अधिशासी अधिकारी अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि कचरा निस्तारण हेतु डंपिंग यार्ड के लिए जमीन मिल चुकी है। शीघ्र ही कचरा डंपिंग यार्ड निर्माण के लिए टेंडर कराया जाएगा। नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा कचरे में आग नहीं लगाया जाता है। ठीक उसी स्थान के बगल व आसपास स्वास्थ्य विभाग द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट फेंक कर उसमें आग लगा दिया जाता है, जिसके बारे में सीएमओ को चिट्ठी भेजा गया है।

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