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मसूर उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण संपन्न

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रिपोर्ट -प्रमोद कुमार वर्मा

मनकापुर गोण्डा- मनकापुर द्वारा ग्राम लमती उकरहवा विकासखंड मनकापुर गोंडा में एक दिवसीय मसूर उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ । प्रशिक्षण का शुभारंभ अर्जुन यादव पूर्व प्रधान द्वारा किया गया । उन्होंने कृषकों से वैज्ञानिक ढंग से मसूर उत्पादन करने की सलाह दी । प्रशिक्षण समन्वयक डॉ राम लखन सिंह ने बताया कि मसूर की बुवाई से पूर्व बीज को फफूंदनाशी कीटनाशी व राइजोबियम कल्चर से उपचारित करना जरूरी बताया । बुवाई पंक्तियों मे करने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि शोधित एवं उपचारित बीज को जीरो टिल या सीडड्रिल मशीन से यदि बुवाई की जाए तो अच्छा उत्पादन मिलता है । पंक्तियों में बुवाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेंटीमीटर रखी जाती है । बुवाई के दो दिन के अन्दर खरपतवारनाशी रसायन पेंडिमेथलीन 30 ईसी की सवा लीटर मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 250 लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें । पौधों की संख्या उचित होने अच्छा उत्पादन मिलता है । मसूर की फसल लगभग तीन सप्ताह की होने पर यदि खरपतवार दिखाई दें तो खुरपी द्वारा खरपतवार निकाल दें । खाद एवं उर्वरक की संतुलित मात्रा के प्रयोग की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण की संस्तुति के अनुसार मसूर में नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश एवं गंधक का प्रयोग करें । गंधक की 10 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से बुवाई करते समय खेत में अवश्य प्रयोग करें । इससे फफूंदजनित रोगों का प्रकोप कम होता है तथा पैदावार मे वृद्धि होती है ।

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