अयोध्या धाम से पधारे व्यास सिरी कोमलानंद जी महाराज ने कंस वध की सुनाई प्रवचन
1 min readरिपोर्ट – प्रमोद कुमार चौहान
मनकापुर गोण्डा- मनकापुर के चौधरी पैलेस में चल रहे कसौधन परिवार श्रीमती सुधा देवी एवं राजेंद्र कुमार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन प्रवचन करते हुए श्री अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास सिरी कोमलानंद जी महाराज ने कंस वध द्वारकापुरी की स्थापना और रुक्मणी विवाह की कथा सुनाई उन्होंने कहा भगवान कृष्ण ने रुक्मणी हरण करने के दौरान पीछा कर रहे रुक्मी की सेना को मार गिराया, किंतु जब भगवान रुक्मी का वध करने जा रहे थे तो, रुकमणी जी ने हाथ जोड़कर भगवान से कहा अगर आप रुक्मी को मार डालेंगे तो बहुत बड़ा कलंक हमारे सिर पर लग जाएगा। कथा में पधारे श्रोताओं से कथा व्यास ने कहा सास और बहू का रिश्ता मां और बेटी का होना चाहिए, जो रिश्ता आँख और पलक का होता है। मां-बाप को अपने बच्चों को खूब लाड प्यार करना चाहिए, किंतु उनके प्यार में अंधा नहीं होना चाहिए, कि उनकी बुराइयां ही हमें ना दिखाई दें। जो मां बाप अपने बच्चों के प्यार में अंधे हो जाते हैं, उन्हीं के बच्चे बिगड़ जाते हैं, और वह समाज को भी खलते हैं, और मां-बाप को भी खेलते हैं। पंडित जी ने कहा मां बाप की सेवा में चारों धाम है, जिन लोगों ने मां-बाप की सेवा की है उनका नाम अजर अमर हो गया। मां बाप की सेवा करके उनका वचन मानकर भगवान श्री राम दुनिया में अजर अमर हो गए। श्रवण कुमार मां बाप की सेवा करके अजर अमर हो गए। भगवान श्री कृष्ण मां-बाप की पीड़ा हरकर अमर हो गए। जो लोग मां-बाप की सेवा करते हैं उनका कहना मानते हैं वह हमेशा खुशहाल रहते हैं, दुख से परे रहते हैं जिस तरह जब पौधा छोटा होता है तो उसकी देखरेख करने से वह हष्ट पुष्ट होता है आगे बढ़ता है, उसी तरह मां बाप को भी बच्चों के साथ करना चाहिए। कथा व्यास पंडित कोमल आनंद जी ने कहा जो राम जी ने किया है वह हमें करना चाहिए और जो कृष्ण जी ने उपदेश दिया है उसको अमल में लाना चाहिए। राम जी का चरित्र करोड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी आज बड़े सम्मान से घर-घर गाया जाता राम जी के चरित्र सा दूसरा कोई चरित्रवान नहीं हुआ, और कृष्ण जैसा उपदेश देने वाला, मनुष्यों को समझाने वाला, सत्य मार्ग दिखाने वाला नहीं हुआ।