अपने अधिकारियों के आदेश को नहीं मानता भिटिया कला का साधन सहकारी समिति का सचिव
1 min readरिपोर्ट -शैलेन्द्र सिंह पटेल
कालाबाजारी में लिप्त है भिटिया कला समिति का सचिव
संत कबीर नगर। डीएपी खाद की कालाबाजारी, किसान 1350 वाली बोरी 1500 रुपये में खरीद रहे।
बेमौसम हुई बारिश से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है। अब किसानों को गेहूं व सरसो की बुवाई के लिए डीएपी खाद नहीं मिल रही है। जिस वजह से किसान परेशान है।संत कबीर नगर के मेहदावल ब्लाक में आठ साधन सहकारी समितियां हैं लेकिन, इन पर डीएपी व एनपीके खाद नहीं है। खाद न होने से किसान बाजार से अधिक मूल्य देकर डीएपी खरीदने को मजबूर है। किसानों ने प्रशासन से खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।क्षेत्र के किसान, शिव निषाद ,राजेश यादव, सुरेन्द्र पाण्डेय ,पूर्व प्रधान चौथी यादव, भोले सिंह, तूफैल अहमद, पूर्, राजेंद्र , बालेश्वरी सिंह भूपेंद्र प्रताप ऋषि नारायण सुभाष सिंह इरशाद अली समेत क्षेत्र के गांवों के किसानों का कहना है कि साधन सहकारी समितियों पर डीएपी व एनपीके खाद नहीं मिल रही है।सौ से डेढ़ सौ रुपये प्रति बोरी की हो रही कालाबाजारी
1500 में मिल रही डीएपी सरकारी दुकानों का डीएपी नहीं होने से व्यापारी कालाबाजारी करने में जुट गए है। सरकारी दुकानों पर डीएपी खाद 1350 रुपये मिलती है। साधन सहकारी समितियों पर खाद नहीं होने से प्राइवेट दुकानदार 1400 से 1500 रुपए बोरी डीएपी की बिक्री कर रहे हैं। जिले में खाद की हो रही कालाबाजारी को रोकने में कृषि विभाग नाकाम है। सहकारी समिति में उपलब्ध नहीं डीएपी खादभिटिया कला साधन सहकारी समिति पर आज तीन सौ पचास बोरी डीएपी उपलब्ध कराई गई परंतु वहां के सचिव राम प्रसाद मौर्या द्वारा आज सुबह से ही फोन बंद कर लिया गया इस संबंध में ए आर ओ हरिप्रसाद से बात करने पर बताया गया कि सुबह से 10 बार फोन मिला चुका हूं परंतु रामप्रसाद का फोन बंद आ रहा है मैं खुद परेशान हूं क्या करूं हमारे स्थानीय संवाददाता द्वारा जब किसी माध्यम से राम प्रसाद मौर्या सचिव भिटिया कला से संपर्क किया गया तो उसका जवाब था कि मैं जिसको चाहूंगा खाद दूंगा चाहे किसी का फोन आए । भिटिया कला में खाद आने की सूचना से बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए। कुछ किसानों को खद मिल पाई। लेकिन, बाकी को निराशा ही हाथ लगी। किसान साधन सहकारी समिति के सचिव राम प्रसाद मौर्य के द्वारा की जा रही कालाबाजारी से बहुत परेशान है । खाद न मिलने से गेहूं की बुवाई प्रभावित होती है।
किसानों ने बताया अपना दर्द
किसान रामा शंकर का कहना है कि साधन सहकारी समितियों पर खाद नहीं मिल रही है। धर्मपाल ने बताया कि सरकारी दुकानों पर किसानों को डीएपी नहीं मिल रही है। प्राइवेट दुकानों पर डीएपी 1500 रुपये में मिल रही है।