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दलितों की बस्ती विद्युत रोशनी से अभी तक वंचित

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रिपोर्ट -ब्यूरो चीफ गोण्डा

जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद में,आला अधिकारी और कर्मचारी शासन के आदेशों की जमकर उड़ा रहे धज्जियां -ग्रामीण

गोण्डा। जहां एक तरफ केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी अभियान के तहत प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति कर हर घर रोशनी पंहुचाने के क्रम में समस्त जनपद के जिलाधिकारी व मुख्य अभियंता,अधिशासी अभियंता को कड़े निर्देश देते हुए कहा गया है कि विद्युतीकरण योजना के तहत किसी भी प्रकार की अनियमितता व लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी तो वहीं दूसरी तरफ जिले के विकासखण्ड रुपईडीह क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत उसरैना मजरा हरिलाल पुरवा में दलितों की बस्ती में 20 विद्युत कनेक्शन होने के बावजूद भी चार वर्षों से दलित ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति मुहैया नहीं हो सकी है। आपको बता दें कि यहाँ एलटी लाइन मीटर लगा हुआ है और दलित बस्ती को छोड़कर विद्युत सप्लाई मिल रही है, लेकिन विभाग की लापरवाही व उदासीनता के चलते दलितों को विद्युत सप्लाई नहीं दी जा रही है। उक्त प्रकरण में ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों प्रार्थना पत्र देने के उपरांत विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी,कर्मचारी अभी तक संज्ञान ना लेकर मौके पर पहुंचना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। जब उक्त प्रकरण में ग्रामीणों ने पत्रकारों को सूचना देकर अवगत कराया तो विद्युत विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों को दूरभाष के जरिए कई बार फोन करके संवाद स्थापित कर अवगत कराने के उपरान्त भी जिम्मेदार कर्मचारी व खंड अधिशासी अभियंता कुंभकर्णी नींद में हैं। मालूम हो कि जनपद गोंडा में विद्युत विभाग की पूरी व्यवस्था दलितों की बस्ती में ध्वस्त होने का मामला प्रकाश में आया है जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत जारी किए गए आदेश को ना मानकर जिम्मेदार मुख्य अभियंता व खंड अधिशासी अभियंता सहित अन्य अधिकारी,कर्मचारी शासन के आदेशों को ताक पर रखकर जमकर धज्जियां उड़ाते हुए सरकार के मंसूबों पर पलीता लगा रहे हैं। जिससे दलितों के बस्ती व क्षेत्रों में व्यापक स्तर से जमकर चर्चा हो रही है। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि 09 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी गोण्डा व मुख्यमंत्री एवं महिला आयोग को शिकायती पत्र दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट विद्युत विभाग के एस०डी०ओ० के द्वारा 03 अक्टूबर 2022 को लगायी गयी थी जिसमें कहा था कि 10 दिवस के अन्दर विद्युत सप्लाई कर दी जायेगी। लेकिन उक्त अवधि बीत जाने के बाद भी विद्युत सप्लाई नहीं दी गयी व कोई कार्यवाही नही की गयी। उत्तर प्रदेश सरकार के दलितों के प्रति लाख दावे को मुख्य अभियंता,अधिशासी अभियंता व खंड अधिकारी अभियंता विद्युत सप्लाई ना देकर हवा हवाई साबित करते हुए ठेंगा दिखा रहे हैं। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में दलित परिवार अंधेरे में रहने पर मजबूर ही नहीं हैं बल्कि उन्हे मिट्टी का तेल भी नहीं मिल रहा और अंधेरे में गुजर बसर करने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीँ दलितों का कहना है कि योगीराज में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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