नगर पालिका कर्नलगंज में भ्रष्टाचार चरम पर,आयुक्त ने जांच के दिए आदेश
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रिपोर्ट -प्रमोद कुमार चौहान
अपर आयुक्त प्रशासन ने उप जिलाधिकारी कर्नलगंज भारत भार्गव के साथ नगर पालिका में पहुंचकर अभिलेखों की शुरू की जांच
महत्वपूर्ण पदों पर अयोग्य सफाई कर्मचारियों को बैठाकर उनसे लिया जा रहा लिपिकीय कार्य
कर्नलगंज,गोण्डा। नगर पालिका गोंडा के बाद अब कर्नलगंज नगर पालिका भी भूमि घोटाले और हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर आयुक्त देवीपाटन मंडल के निशाने पर आ गया है। हालांकि कर्नलगंज नगर पालिका हमेशा विवादों के चलते सुर्खियों में रहता है। इन सभी विवादों का कारण नगर पालिका परिषद में खुलेआम हो रहा भ्रष्टाचार है और फर्जीवाड़ा है। बीते अध्यक्ष पद के चुनाव में कर्नलगंज नगर पालिका परिषद में एक दशक के अंतराल के बाद सत्ता का परिवर्तन हुआ है। जिससे लोगों में उम्मीद जगी थी कि नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार कम होगा,लेकिन जनता की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। नगरपालिका परिषद में लिपिक की कुर्सी पर बैठे अयोग्य सफाई कर्मचारियों के द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। इसकी शिकायत करने पर वहां लोगों से न सिर्फ अभद्रता की जाती है,बल्कि उनके ऊपर फर्जी मुकदमे भी दर्ज करने की धमकियां दी जाती है। यही नहीं नगर के एक समाजसेवी के द्वारा भ्रष्टाचार से जुड़ी सूचनाओं के मांगे जाने और खुलासा करने से अपनी गर्दन फंसते देखकर उसके साथ नगर पालिका के जिम्मेदार लोगों और कार्यालय के कुछ कर्मचारियों द्वारा दबंगों के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश के तहत जानलेवा हमला कर फर्जी मुकदमे में फंसाकर उत्पीड़न किये जाने का मामला भी सामने आ चुका है। इसी क्रम में एक समाजसेवी की शिकायत पर फर्जी संपत्ति नामांतरण के मामले में मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। विदित हो कि नगर पालिका परिषद कर्नलगंज में फर्जी संपत्ति का नामांतरण और फर्जीवाड़ा खुलेआम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है,जिसको लेकर पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर नगर पालिका तो आते हैं लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। नगर पालिका परिषद में कई ऐसे महत्वपूर्ण विभाग हैं जिनमें नजूल विभाग, स्टोर इंचार्ज विभाग, गृहकर विभाग इन सभी महत्वपूर्ण पदों पर अयोग्य सफाई कर्मचारियों को बैठाकर उनसे लिपिकीय कार्य लिया जा रहा है और इन्हीं सफाई कर्मचारियों के द्वारा अनुचित लाभ लेकर लोगों के संपत्ति का गलत तरीके से नामांतरण भी खुलेआम किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर सफाई कर्मचारियों के द्वारा शिकायतकताओं से अभद्रता की जाती है,साथ ही शिकायतकताओं से खुलेआम कहा जाता है कि जो कर सकते हो कर लो हमें कोई डर नहीं है और उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजवाने की धमकी भी दी जाती है। इन्हीं सब शिकायतों को देखते हुए आयुक्त देवीपाटन मंडल ने जांच के आदेश भी दिए हैं। मंडलायुक्त के कार्यालय से पारित आदेश में कहा गया है कि नगर पालिका परिषद कर्नलगंज में संपत्ति का नामांतरण बिना किसी आधार के किया जा रहा है तथा उसमें वैध रूप से पूर्व से अंकित स्वामियों के नाम निरस्त करके कूट रचना पर आधारित अभिलेखों पर आदेश किया जा रहे हैं। आयुक्त के द्वारा अपने आदेश में कहा गया है कि नगर पालिका परिषद के द्वारा नामांतरण को लेकर जो वैधानिक प्रक्रिया है उसका भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि नामांतरण आदेश ऐसे प्राधिकारियों के द्वारा निर्गत किया जा रहे हैं जो उसके लिए अधिकृत नहीं है और बिना अधिकृत अधिकारी के पारित किए गए आदेश वैधानिक रूप से शून्य हैं। मंडलायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से अपर आयुक्त (प्रशासन) तथा उप जिलाधिकारी कर्नलगंज को अभिलेखों की संयुक्त रूप से जांच एवं सुस्पष्ट आख्या उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया है। जिसके क्रम में अपर आयुक्त प्रशासन ने उप जिलाधिकारी कर्नलगंज भारत भार्गव के साथ नगर पालिका में पहुंचकर अभिलेखों की जांच शुरू कर दी है। अपर आयुक्त (प्रशासन) ने जानकारी देते हुए बताया की फर्जी संपत्ति नामांतरण की शिकायतों को लेकर मंडलायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं,जिसको लेकर अभिलेखों की जांच शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान फर्जी नामांतरण पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ मंडलायुक्त को रिपोर्ट भेज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।