नए शासनादेश पर ग्राम प्रधानों में आक्रोश, सौंपेंगे ज्ञापन
1 min readरिपोर्ट -राम चरित्र वर्मा
बलरामपुर।अखिल भारतीय पंचायत परिषद के बैनर तले शनिवार को ग्राम प्रधानों की बैठक हुई, जिसमें पंचायत सहायकों के डिजिटल स्वीकृति के बाद भुगतान होने के शासनादेश निर्देश पर ग्राम प्रधानों ने आक्रोश जताया। ग्राम प्रधानों ने सरकार के इस फरमान को गलत बताते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है।
जिलाध्यक्ष प्रतिनिधि एसबी शुक्ल ने कहा कि हाल ही में निदेशक पंचायती राज ने नया निर्देश जारी किया है। नई व्यवस्था के तहत पंचायत के गेट वे पोर्टल पर पंचायत सहायक की ऐप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति मुख की फोटो के माध्यम से हो रही है। जिसके फलस्वरूप अब पंचायत सहायक अपने रजिस्टर्ड मोबाइल फोन से पंचायत गेट वे पर क्यूआर कोड सत्यापित कर लॉगिन करेंगे। नया शासनादेश आने से ग्राम प्रधान व पंचायत सहायक एवं सचिव में मतभेद होने की संभावना है। प्रदेश सचिव विजय त्रिपाठी ने कहा कि इस आदेश के बाद ग्राम प्रधानों सहित सचिवों की भी परेशानी बढ़ गई है। कहा कि सरकार हमारे अधिकारों का हनन कर रही है। जिला महामंत्री शशिकांत त्रिपाठी, राम कृपाल उर्फ नाटे शुक्ला, सुरेन्द्र आदि ने कहा कि मनरेगा में भी धीरे-धीरे सरकार ने ग्राम प्रधानों के अधिकारों में कटौती कर दी। अब ग्राम निधि पर भी सरकार नजर गड़ाए हुए है। प्रधान जितेन्द्र सिंह व महेश सिंह ने कहा कि सरकार ग्राम प्रधानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में प्रधानों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जादौन से वार्ता की। जिस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ग्राम प्रधानों की समस्याओं को लेकर लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया है। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी छह जून को जिले भर के प्रधान एकत्र होकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपेंगे। इसके बाद भी यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो राजधानी में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। आवश्यकता पड़ी तो प्रधान संगठन न्यायालय की शरण भी लेगा। इस अवसर पर प्रधान गुड्डू सिंह, अभय मिश्रा, राजेश शुक्ला, पुनीत यादव सहित तमाम प्रधानगण मौजूद रहे।