गंगा दशहरा पर किया गया काव्य गोष्ठी का आयोजन
1 min readरिपोर्ट – आर के नारद
मनकापुर गोंडा- गंगा दशहरा के अवसर पर संचार विहार आईटीआई मनकापुर के अधिकारी क्लब में सोमवार की शाम को आईटीआई के कर्मचारी सुधांशु भूषण वर्मा के सेवानिवृत्ति के अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। उपस्थित साहित्यकारों ने अपनी कविताओं के माध्यम से उन्हें भावभीनी विदाई दी। गोष्ठी की अध्यक्षता पंडित राम हौसिला शर्मा एवं संचालन ईश्वर चंद मेंहदावली ने किया। मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं पढ़ी। साहित्यकार केदारनाथ मिश्र ललक ने पढ़ा- नहीं बोलो ना दोहरावो कथा गैरों जमाने की। यही बेहतर की फिर मिलकर करूं कोशिश भुलाने की।। डॉक्टर सतीश आर्य ने पढ़ा- भूपति के सुत साठ हजार का तारन का चलि आवत गंगा। चांदनी रात झरै मनो व्योम से दूध की धार वहावत गंगा।। आर के नारद ने पढ़ा- घर छुड़वाकर दुखीयारों को है प्रदेश बुलाती रोटी। दुखियरो को गली-गली में ठोकर है लगवाती रोटी।। साहित्यकार ईश्वर चंद्र मेहदावली ने पढ़ा- गंगा- गंगा जप सभी करते भव को पार। इश्वर सब ऐसा करें चाह रहा संसार।। सुधांशु वर्मा ने पढ़ा- हे मुक्तदायनी प्राणदायनी तेरी सदा ही जय हो। माता तेरी सदा ही जय हो। गोष्टी के सिरमौर पंडित राम हौसिला शर्मा ने पढ़ा- कभी-कभी आ जाना गांव। जब भी आओगे यह पलके देंगी स्नेहिल छांव।। इसके अलावा अन्य साहित्यकारों ने भी अपने साहित्यकार मित्र को भाव विभोर विदाई दी। कार्यक्रम में भारी जनसमूह माताएं, बहने और अन्य अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।