परसपुर से धर्मनगर मार्ग बदहाली का शिकार, जिम्मेदार मौन
1 min readरिपोर्ट -ब्यूरो चीफ गोण्डा
मार्ग कई जगहों पर जानलेवा गड्ढे में तब्दील,राहगीरों को आवागमन में हो रही भारी परेशानी
गोण्डा। जिले के परसपुर ब्लॉक मुख्यालय से धर्मनगर मार्ग की स्थिति दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। यह मार्ग कई जगहों पर जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो गया है,जो किसी भी अनहोनी को दावत दे रहा है। धर्मनगर के क्षतिग्रस्त मार्ग पर गिरकर राहगीरों के चोटिल होने की घटनाएं बढ़ रही हैं। बरसात के मौसम में जलभराव और कीचड़ के कारण मोटर वाहनों और राहगीरों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि परसपुर ब्लॉक मुख्यालय से जिला मुख्यालय जाने के लिए धर्मनगर होकर यह मार्ग सबसे आसान है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों, बाइक सवार राहगीरों और स्कूली बच्चों का आवागमन इस मार्ग से होता है। परंतु इस मार्ग की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यह अब अपने कायाकल्प की बाट जोह रहा है। बता दें कि मलांव लाला बगिया से लखनऊ के लिए रोडवेज की दो बसें और अन्य साधन नियमित रूप से सुबह और शाम संचालित होती है, लेकिन खराब मार्ग के कारण यह यात्रा भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब डेढ़ दशक पूर्व विश्व बैंक के तहत निर्मित हुई यह सड़क अब जर्जर हो चुकी है। परसपुर ब्लॉक मुख्यालय से मधईपुर, खाण्डेराय, बरवन पुरवा, गलिबहा, धनौरा, मसौली, गोविन्द पुरवा, अंदुपुर, मलाव, पाण्डेय पुरवा, बैशन पुरवा, पयोली, बिलन्द पुरवा, निहाल पुरवा, कटैला, सुसुण्डा समेत दर्जनों मजरे के ग्रामीणों को पुलिस थाना, ब्लॉक, कॉलेज और कस्बा के लिए आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और विभागीय अफसर इस गंभीर समस्या पर मौन बने हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग की मरम्मत और पुनर्निर्माण की मांग कई बार की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस मार्ग की मरम्मत जल्द से जल्द कराई जाए, ताकि उनकी आवागमन की समस्याएं हल हो सके और किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
जानलेवा गड्ढे में गिरकर चोटिल हो रहे राहगीर
इस प्रकार परसपुर से धर्मनगर मार्ग अपने कायाकल्प की प्रतीक्षा में है और जल्द ही इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो सके।