राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, उतरौला की छात्राओं ने धरना प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
1 min readरिपोर्ट -राम चरित्र वर्मा
उतरौला (बलरामपुर) राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, उतरौला की छात्राओं ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने स्कूल भवन की खस्ता हालत और इससे होने वाली गंभीर समस्याओं को लेकर चिंता व्यक्त की है। पत्र में छात्राओं ने उल्लेख किया है कि कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं का शिक्षण कार्य पूरी तरह से बंद हो चुका है। इसके पीछे प्रमुख कारण विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति और बरसात के मौसम में इसके गिरने की आशंका है, जो किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।छात्राओं ने बताया कि बरसात के दौरान स्कूल की छतों से पानी टपकता है, करंट उतरने की समस्या होती है और खपरैल के टूटने से भवन का एक हिस्सा कभी भी गिर सकता है। ऐसे हालात में विद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर कक्षाओं को स्थगित कर दिया है। यह स्थिति उन छात्राओं के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है जो बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं।हालांकि, विद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प प्रस्तुत किया है, लेकिन छात्राओं का कहना है कि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है जिससे वे ऑनलाइन शिक्षा का लाभ उठा सकें। इससे उनकी शिक्षा बाधित हो रही है और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।छात्राओं ने मुख्यमंत्री से इस संकट से निपटने के लिए पांच प्रमुख मांगें विद्यालय भवन को राजस्व विभाग से शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाए, जिससे उसकी देखरेख बेहतर ढंग से हो सके।सभी कक्षाओं के लिए नए भवन का निर्माण किया जाए ताकि छात्राएं सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण में पढ़ाई कर सकें। विद्यालय में बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं को तत्काल प्रभाव से सुधारा जाए। विद्यालय परिसर में इंटरलॉकिंग कराई जाए जिससे बारिश के दौरान होने वाली असुविधाओं से बचा जा सके। शिक्षण कार्य को जल्द से जल्द पुनः शुरू किया जाए ताकि छात्राओं की पढ़ाई में कोई और व्यवधान न आए। रखी है।छात्राओं ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करें ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो और वे सुरक्षित वातावरण में अध्ययन कर सकें।विद्यालय की छात्राओं का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं पर ध्यान देंगे और जल्द ही समाधान करेंगे। उनकी इस पहल को स्थानीय समुदाय और अभिभावकों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है, जो चाहते हैं कि छात्राओं का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल हो।