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बाल दिवस पर घिसईराम कृषक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशव नगर में खेलकूद प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

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रिपोर्ट – ब्यूरो चीफ गोण्डा

बभनजोत(गोण्डा) घिसई राम कृषक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशव नगर ग्रांट में बाल दिवस के उपलक्ष्य में विविध खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले विद्यार्थियों ने अपने-अपने कक्षों को सजाया, जिससे विद्यालय की शोभा और बढ़ गई।इस अवसर पर विद्यालय के समस्त अध्यापक, अध्यापिकाओ ने सभी बच्चों को कलम, पेन वितरित कर बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बाल दिवस बच्चों के महत्व को समझाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का एक विशेष अवसर है। विद्यालय प्रबंधन बच्चों के सर्वांगीण विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और ऐसे आयोजनों के माध्यम से उन्हें आत्मविश्वास एवं अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है।
दौड़ प्रतियोगिता में कक्षा 01 और कक्षा 05 के बीच हुए मुकाबले में कक्षा 05 की टीम ने जीत हासिल की। वहीं कुर्सी प्रतियोगिता के बालिका वर्ग में कक्षा 6 और कक्षा 7 की बालिकाओं के बीच हुए मुकाबले में कक्षा 08 की टीम ने जीत दर्ज की। प्रतियोगिता में उत्कृष्ठ छात्र, छात्राओं को कलम, पेन, कापी व अन्य सामग्री देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय के इंचार्च ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को भारत के इलाहाबाद में हुआ था। वह बच्चों के अधिकारों और एक शिक्षा प्रणाली के महान समर्थक थे, वे हर बच्चे को देश का भविष्य मानते थे और उनकी भरपूर सराहना करते थे। उनका मानना ​​था कि बच्चे राष्ट्र की सच्ची संपत्ति हैं। नेहरू ने अपने प्रसिद्ध भाषणों में से एक में कहा था कि बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं और उनका सावधानीपूर्वक और प्यार से पालन-पोषण किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं। जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद हुआ ऐसा भारत में पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। इस दिन संयुक्त राष्ट्र की तरफ से विश्व स्तर पर ‘विश्व बाल दिवस’ मनाया जाता है। साल 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, संसद ने उनके जन्मदिन को देश में आधिकारिक बाल दिवस के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव जारी किया देश में तब से लेकर आज तक भारत के पहले प्रधानमंत्री की जयंती मनाने के लिए 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस मौके पर विद्यालय के अध्यापक, अध्यापिकाएं चंद्रभान वर्मा, वेद प्रकाश वर्मा, चंद्रभान वर्मा, सत्य राम वर्मा, दिनेश पांडेय, राम चरित्र वर्मा, हरिशचंद्र वर्मा, अवध नारायण वर्मा, रमेश कुमार वर्मा , सुधा शुक्ला, अजय जायसवाल,कृष्ण कुमार, अनीता देवी, मनीषा, नेहा, रेनू, रंजू, भीष्म सिंह यादव समेत अन्य गण मान्य लोग मौजूद रहे।

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