छांगुर गिरोह के खिलाफ प्रशासन का दूसरे दिन भी बुलडोजर गरजा
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रिपोर्ट -ब्यूरो बलरामपुर
उतरौला (बलरामपुर)छांगुर गिरोह के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई का दूसरा दिन भी बुलडोजर की गर्जना के साथ जारी रहा। मंगलवार को शुरू हुई नीतू रोहरा के अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई बुधवार को भी पूरी ताकत के साथ चली। कल की कार्रवाई के दौरान समयाभाव और भारी निर्माण के कारण कुछ हिस्सा शेष रह गया था, जिसे बुधवार को जमींदोज कर दिया गया।प्रशासन ने साफ कर दिया था कि छांगुर गिरोह से जुड़े किसी भी अवैध निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में ग्राम सभा मधपुर स्थित गाटा संख्या 337/370 पर निर्मित अवैध निर्माण को बुधवार को JCB मशीनों की मदद से पूरी तरह जड़ से उखाड़ फेंका गया।तहसीलदार कार्यालय द्वारा 17 मई को जारी बेदखली नोटिस के 50 दिन बाद यह कार्रवाई शुरू हुई थी। मंगलवार को शुरुआती ढांचा गिरा दिया गया था, लेकिन भवन की संरचना बड़ी और मजबूत होने के कारण कुछ हिस्सा बुधवार के लिए छोड़ा गया। बुधवार को प्रशासन ने उस शेष हिस्से पर निर्णायक प्रहार करते हुए संपूर्ण अतिक्रमण समाप्त कर दिया।गिरफ्तार पीर छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन की करीबी और सह-अभियुक्ता नीतू रोहरा पर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा, धर्मांतरण गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी, और फर्जी धार्मिक आयोजन कराने के गंभीर आरोप हैं। यही नहीं, गरीब, असहाय महिलाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने में भी उसकी भूमिका सामने आई है।कार्रवाई के दौरान थाना कोतवाली उतरौला पुलिस, गैण्डास बुजुर्ग पुलिस चौकी, तहसील प्रशासन, और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर मौजूद रहीं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए एक कंपनी पीएसी व पुलिस बल की मजबूत तैनाती की गई थी। प्रशासन का कहना है कि “कल की अधूरी कार्रवाई को आज पूरी ताकत के साथ संपन्न किया गया है। कोई भी अवैध निर्माण, विशेषकर वे जो छांगुर गिरोह से जुड़े हैं, अब टिक नहीं पाएंगे।”दो दिन तक लगातार चली कार्रवाई ने न केवल नीतू रोहरा के कब्जे को जमींदोज किया, बल्कि समाज में यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि “धार्मिक आड़ में फर्जीवाड़ा और अवैध कब्जा अब नहीं चलेगा।”जहां आम लोग प्रशासन के इस कदम की खुलेआम सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ वर्गों द्वारा इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया जा रहा है। लेकिन प्रशासन का रुख स्पष्ट है “यह कानून का सवाल है, धर्म का नहीं।”लगातार दूसरे दिन चली बुलडोजर कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन अब छांगुर गिरोह के हर हिस्से को नष्ट करने के लिए मोर्चे पर उतर चुके हैं।नीतू रोहरा के अवैध निर्माण का पूरी तरह ध्वस्तीकरण इस बात का संकेत है कि अब कानून की नजर से कोई भी बच नहीं पाएगा — चाहे वह पीर हो या उसका संरक्षक।