पूर्ति निरीक्षकों पर लग रहा कोटेदारों से 15-20 रुपए कुंतल के सापेक्ष प्रतिमाह वसूली कराने का आरोप
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रिपोर्ट -ब्यूरो गोण्डा
अपने ड्राइवरों व अन्य के माध्यम से कराई जा रही वसूली,डीएसओ ने पत्रकार का नम्बर किया ब्लैक लिस्टेड
गोण्डा। एक तरफ योगी सरकार द्वारा अनियमितता पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पूर्ति निरीक्षकों द्वारा बाहरी लोगों सहित अपने अपने वाहन चालकों द्वारा वितरण फॉर्म के साथ 15-20 रुपए कुंतल के सापेक्ष कोटेदारों से वसूली कराने की चर्चा जोरों से चल रही है। नाम न उजागर करने की शर्त पर लाभार्थियों द्वारा बताया गया कि अधिकतर कोटेदारों द्वारा मनमानी समय पर दुकान खोले व बन्द किए जाने से दैनिक मजदूरी पेशा करने वाले लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना ही नही 99 प्रतिशत दुकानदारों द्वारा प्रति यूनिट 500 ग्राम से 1000 ग्राम खाद्यान्न की कटौती की जा रही है। जानकारी होने के बावजूद भी पूर्ति निरीक्षकों द्वारा वितरण अवधि में दुकानों का औचक निरीक्षण नही किया जाता जिससे कोटेदारों द्वारा भरपूर मनमानी की जा रही है जिसका खामियाजा गरीब जनता को उठाना पड़ रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि विकासखण्ड इटियाथोक क्षेत्र में मनमानी रूप से पात्र गृहस्थी के सैकड़ों राशन कार्ड जारी किए गए हैं जो जांच का विषय है। गौर करने की बात यह है कि चर्चाओं के क्रम में दूरभाष द्वारा डीएसओ दिनेश प्रताप सिंह का पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो मालूम चला कि उन्होंने पत्रकार का मोबाईल नम्बर ब्लैक लिस्ट में डाल रखा गया है,पुनः दूसरे नम्बर से फोन करके जैसे ही अपना परिचय दिया कि डीएसओ कुंवर दिनेश प्रताप सिंह द्वारा बगैर सुने ही फोन काट दिया गया। वहीं बुद्धिजीवियों की मानें तो निष्पक्ष व ईमानदार अधिकारियों को पत्रकारों की बात सुनकर शासन मंशारूप जवाब देते हुए आरोपों पर कार्यवाही जरूर करना चाहिए ताकि विश्वसनीयता कायम रहे।