सभी तैयारियां पूर्ण, उतरौला बाजार सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में आज मनाया जाएगा ईद-ए-मिलादुन्नबी का पर्व
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रिपोर्ट -सुहेल खान
उतरौला (बलरामपुर)इस्लाम धर्म के अंतिम पैग़म्बर और रहमतुल्लिल आलमीन हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश का पर्व ईद-ए-मिलादुन्नबी आज पूरे अकीदत और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। उतरौला नगर के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी त्योहार की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।नगर और गांवों की गलियों में सजावट का विशेष इंतज़ाम किया गया है। जगह-जगह गली-कूचों को हरे झंडों, रंग-बिरंगी झालरों और बिजली की लाइटों से सजाया गया है। मस्जिदों और दरगाहों को रोशनी और फूलों से सजाकर विशेष आकर्षण का केंद्र बनाया गया है। रात के वक्त पूरा नगर जगमगाने के लिए तैयार है।रबीउल अव्वल की शुरुआत से ही मिलाद शरीफ, महफ़िल-ए-नात और कुरआन ख्वानी का सिलसिला लगातार जारी है। घर-घर में मिठाइयां बाँटी जा रही हैं और हुजूर की यौमे पैदाइश की खुशी का इज़हार किया जा रहा है। बच्चे और नौजवानों में जुलूस-ए-मोहम्मदी को लेकर खासा उत्साह है।आज होने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी के लिए रूट और प्रबंध पहले से ही तय कर लिए गए हैं। नगर में विभिन्न समितियों द्वारा साफ-सफाई, पीने के पानी और लंगर का इंतज़ाम किया गया है। जगह-जगह स्वागत द्वार और चाय-पानी के स्टॉल लगाए जाएंगे। छोटे-छोटे बच्चे झंडे और बैनर लेकर जुलूस में शामिल होंगे।धार्मिक विद्वानों का कहना है कि ईद-ए-मिलादुन्नबी का दिन इंसानियत के लिए रहमत का दिन है। इसी दिन वह हस्ती दुनिया में आई जिन्होंने अंधकार में डूबे समाज को रोशनी दिखाई और अमन, इंसाफ़ व मोहब्बत का पैग़ाम दिया।इस मौके पर मस्जिदों में दरूद-ओ-सलाम की महफ़िलें होंगी, बच्चों को इनाम दिए जाएंगे और गरीबों के बीच भोजन व मिठाई का वितरण किया जाएगा। मुस्लिम समाज इस दिन को आपसी भाईचारे और मोहब्बत के प्रतीक के रूप में मनाता है।नगर और गांवों में धार्मिक रौनक का आलम है और लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।