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गैस की किल्लत से ग्रामीण परेशान, लौटे लकड़ी के चूल्हे पर

रिपोर्ट -ब्यूरो बलरामपुर

सादुल्लाह नगर, रेहरा बाजार, धुसवा और हुसैनाबाद क्षेत्र में सिलेंडर न मिलने से बढ़ी जनता की मुश्किलें

बलरामपुर। सादुल्लाह नगर, सराय खास, रेहरा बाजार, धुसवा बाजार और हुसैनाबाद क्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों गैस संकट से जूझ रहे हैं। घरेलू और व्यावसायिक दोनों तरह के गैस सिलेंडर की भारी किल्लत के कारण लोगों को रसोई और दुकानों में लकड़ी जलाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से गैस एजेंसियों में सिलेंडर की आपूर्ति बंद है। उपभोक्ता रोजाना एजेंसी पहुंचकर गैस मांगते हैं, मगर जवाब मिलता है। अभी गैस नहीं आई है। कुछ एजेंसी संचालकों ने बताया कि उन्हें भी ऊपर से गैस सप्लाई नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा आगे से गैस ही नहीं आ रही, तो हम लोगों को कहां से दें।रसोई गैस न मिलने से महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। कई जगह लोग मजबूरन लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुकानदारों और छोटे होटल-ढाबा संचालकों का कहना है कि सिलेंडर न मिलने से उनका काम ठप हो गया है। कुछ ने बताया कि गैस न मिलने से उन्हें ग्राहकों को लौटाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने सरकार और गैस एजेंसियों पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले खाद के लिए लोगों को परेशान होना पड़ा था, अब गैस ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है।गांव की महिलाओं ने कहा सरकार कहती है कि सुविधा दे रही है, पर जमीन पर हालात कुछ और हैं। आखिर हम कब तक इस तरह परेशान होते रहेंगे।एजेंसी संचालकों ने बताया कि पिछले कई हफ्तों से कंपनी की तरफ से गैस टैंकर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बार विभाग और डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क किया गया, मगर कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
उज्ज्वला योजना पर सवाल।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाखों परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन जब सिलेंडर ही उपलब्ध नहीं होंगे तो योजना का लाभ कैसे मिलेगा? ग्रामीणों का कहना है कि “गैस का नाम लेकर वोट तो ले लिए गए, लेकिन अब गैस मिल ही नहीं रही।”
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग।
क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी और जिला आपूर्ति अधिकारी से मांग की है कि गैस आपूर्ति में आ रही बाधाओं को दूर किया जाए और दोषी एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।गैस की कमी सिर्फ एक क्षेत्रीय समस्या नहीं है, बल्कि यह वितरण प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करती है। जब आम जनता को रसोई की बुनियादी सुविधा के लिए संघर्ष करना पड़े, तो यह किसी भी प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी है।सरकार को चाहिए कि आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा कर तत्काल प्रभाव से गैस वितरण सुचारु कराए, ताकि जनता को राहत मिल सके और रसोईयों में फिर से चूल्हे जल सकें।

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