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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के तीन दिवसीय परीक्षण का हुआ शुभारंभ

रिपोर्ट – राम चरित्र वर्मा

उतरौला (बलरामपुर) सोमवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र उतरौला पर खंड शिक्षा अधिकारी सुनीता वर्मा की देखरेख में बाल विकास पुष्टाहार एंव बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण में दिव्यांग बच्चों की पहचान के लिए 27 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों को तीन दिनों तक प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के दिव्यांग बच्चों की समेकित शिक्षा कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के प्रति जागरूक करना है। इसमें मास्टर ट्रेनर शैलेश कुमार पाण्डेय एवं शाह मोहम्मद द्वारा बच्चों की सरलता से पहचान के लिए विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी सुनीता वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि अब से पहले छह से 14 वर्ष तक के बच्चों का डाटा रहता था। अब तीन से छह वर्ष तक के बच्चों का डाटा भी एकत्र करना होगा। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार यह अभियान चला रही है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उनके लिए आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। प्रशिक्षण सन्दर्भदाता शैलेश पाण्डेय ने बताया कि दिव्यांगता का पता लगने पर उसके बचाव एवं व्यवस्थापन का कार्य किया जा सकता है, इसीलिए यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। शाह मोहम्मद ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री अपने कार्य क्षेत्र में ऐसे दिव्यांग बच्चों की पहचान करें, जिससे उनको उपचारात्मक सहायता के साथ शैक्षिक सपोर्ट दिया जा सकें।आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों में शारीरिक बाधाओं वाले बच्चों का अधिक से अधिक चिन्हांकन किया जाएगा।

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