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खेतों में धान, और घरो में किसान का जीना मुश्किल कर दिया बरसात,

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रिपोर्ट-बरगदवां/प्रतिनिधि

बरगदवां/इस बार बारिश के मौसम में आसमान से आग बरस रही है। जिले में सूखे जैसे हालात बन जाने से बारिश न होने को लेकर किसानों में हाहाकार मचा है। खरीफ में फसलों के लिए जो वर्षा विज्ञान की गणनाएं हैं, उसमें मघा नक्षत्र का विशेष महत्व है।खरीफ में धान की खेती केवल बारिश पर ही निर्भर करती है। सिंचाई के साधन होने केे बावजूद जब तक बारिश की बूंदें फसलों पर नहीं पड़ती हैं, तब तक उनका उत्पादन अच्छा नहीं होता है। यह प्राकृतिक स्थिति है।

बतादें कि अब तक जिले में महज 100% फीसदी रोपाई का काम हो गया है। आमतौर पर जून में दस्तक देने के वाला मानसून इस बार जुलाई 12% ही बरसात हुई है । किसानों को बेसब्री से बारिश का इंतजार है। लेकिन लगभग रोजाना आसमान में बादल छा रहे हैं लेकिन बारिश नहीं हो रही है इसलिए किसानों को खेतों में धान और घरों में किसान की चिंता बढ़ने लगी हैं, लगता है कि अब बारिश नहीं होगी तो किसानों की फसल सुख कर खेतों में सुख कर पुआल बन जाएंगे आते जाते मौसम को देखते हुए किसान कभी खुशी कभी गम का बोझ लेकर के ढो रहे हैं लेकिन फुहार तक नहीं पड़ रही है

एक पखवारा से अच्छी बारिश न होने से सूखे जैसे हालात हो रहे हैं। पानी के अभाव में खेत सूख गए है। धान की रोपाई का काम हो गया है। खेतो से नमी गायब होने से किसानों की समस्या बढ़ रही है। सिंचाई के लिए नलकूप का सहारा लेना पड़ा है। जनपद में अधिकतर स्थानों पर नहरों में भी पानी नहीं है। समय से पहले आए मानसून से लोगो लोगो को उम्मीद थी की बारिश अच्छी होगी। किसानों के मंसूबो पर पानी फिरता नजर आ रहा है

मई माह में जब तेज धूप के साथ गर्मी पड़ती है। उस समय बारिश शुरू हो गई। गर्मी से लोगों को तो राहत मिल गई। लगातार बारिश होने से किसान खेत की अच्छी तैयारी नहीं कर सके। किसी तरह से उनकी नर्सरी पड़ी। जुलाई माह में कुछ समय तक बारिश हुई। किसान धान की रोपाई भी शुरू कर दिए। इस दौरान मानसून ब्रेक हो जाने से बारिश का लंबा गैप हो गया। इधर करीब 15 दिन से अच्छी बारिश न होने से सूखा जैसे हालात हैं।
बरिश न होने से खेत हो गए सूखे
हल्की बरसात और उमस भरी गर्मी और खेत सूखे हो गए है। सड़कों तक उड़ रही धूल उड़ रही है। बारिश न होने से क्षेत्र में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। पानी के अभाव में धान की फसल खेतों में सूखने की कगार पर हैं। खेतों में दरारे तक पड़ गई हैं। कुछ स्थाना पर खेत सूखा होने से किसान घबरा गए हैं और भगवान से दुआ कर रहे हैं ,, बरसात हो और हमारी फसल अच्छी से तैयार हो जाए।

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