ललिता किन्नर अपने साथियों के साथ गणेशपुर गद्दी पर पहुंचकर धूप अगरबत्ती से अपने पुरखों के कब्रस्तान पर किया पूजा-पाठ
1 min readरिपोर्ट- उमेश तिवारी
बाराबंकी। रामनगर तहसील क्षेत्र गणेशपुर गद्दी पर पहुंची ललिता किन्नर जोकि हीरा दादी की पोती चेला खुशबू, चेला ललिता त्रिपाठी किन्नर इनका कहना है कि किन्नर समाज के द्वारा गणेशपुर गद्दी पर मुझे बिठाया गया है। या कहां गया है की यह गद्दी ललिता किन्नर को दी गई है इसमें किसी का कोई प्रकार का हक नहीं है। उषा नायक और खुशबू एक सौ रुपए स्टांप पर लिख कर दिया है कि मैं अपने होशो हवास मैं रामनगर गणेशपुर की गद्दी स्वस्थ अवस्था में ललिता किन्नर को उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त करती हूं इसमें किसी प्रकार का कोई जोर दबाव नहीं है यदि उक्त गद्दी पर किसी प्रकार का कोई अन्य दावा करता है तो वह व्यर्थ वह मीथया समझा जावे । खुशबू भी इस गद्दी को छोड़ कर चली गई थी। मैं उसकी सेवा से अपने आप को काफी खुश महसूस करती हूं या की शपथी द्वारा शपथ पत्र पर लिखे गए निम्न शब्दों को संपूर्ण किन्नर समाज के भली भांति पढ़कर सुनकर समझ कर समस्त मुक्त शर्तों को मानने को सभी कार करते हैं। उस वक्त किन्नर समाज की सभी नायक मौजूद थी
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नंबर 1 हीरा नायक बाराबंकी नंबर दो सोनी नायक कसाईबाड़ा, गुड़िया नायक मुकरीमनगर, हिना नायक इस्माईलगंज लखनऊ, संध्या नायक अमौसी, सुधा हिजड़ा lलखनऊ, अजीज हाजी नायब रुस्तम नगर, उषा नायक लखीमपुर, करिश्मा नायक नौरंगाबाद वर्गिस नायक, रानी नायक नौरंगाबाद, मनचली नायक बदरिया नाल, रेखा नायक जरवल कस्बा, नंदिनी नायक उतरौला, मोटा नायक, छोटी नायक औरंगाबाद गुड्डन नाटक डालीगंज कुर्सी अजीज नायक आटा परसपुर आदि किन्नर समाज के लोग मिलकर गणेशपुर गद्दी पर बैठने के लिए घर ललिता किन्नर को दिया है।
हीरा दादी के साथ पप्पू नामक व्यक्ति ढोलक वादक की नियत अब ठीक नहीं है। गणेशपुर की गद्दी को जबरन अवैध कब्जा कर लेना चाहता है। जिसकी शिकायत कोतवाली रामनगर वह महादेवा चौकी पर प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें आज महादेवा चौकी इंचार्ज अनिल कुमार पांडे के आदेश पर एक सिपाही गणेशपुर गद्दी अपने पुरखों की कब्रिस्तान पर धूप अगरबत्ती लगाने गई थी। जो वह सिपाही मौके पर मौजूद थे। पप्पू ढोलक वादन ने ललिता को कहा की अगर इस गद्दी पर ललिता किन्नर रहेंगे तो मैं उसको जान से मार दूंगा। इसलिए ललिता किन्नर शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है अब देखना यह है की ललिता किन्नर तो न्याय मिलता है कि न्याय को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। न्याय की प्रतीक्षा में ललिता किन्नर।