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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मोटरबोट से दौरा करते बाढ राहत दल के साथ अधिकारी

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रिपोर्ट – नूर मोहम्मद

उतरौला (बलरामपुर)स्थानीय तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांव राप्ती नदी में आई बाढ की विभिषिका से घिरे हुए हैं। बाढ का पानी ग्रामीणों के घरों में घुस गया है। खाना बनाने की समुचित व्यवस्था न होने से लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। बाढ विभिषिका के बाद भी प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को कोई राहत सामग्री तीन दिनों से नहीं दी है। बाढ पीड़ितों को भूख से बचाने के लिए प्रशासन ने कुछ बाढ राहत केन्द्र पर लंच पैकेट बनवाकर बाढ पीड़ितों में वितरण करने में जुटा है। उधर राप्ती नदी के किनारे बने बाध का लगभग डेढ़ किमी हिस्सा को नदी के काट देने से क ई दर्जन गांवों में तीसरे दिन पानी घुस गया है।तहसील उतरौला क्षेत्र के विकास खण्ड श्रीदत्तगंज क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे बसे गांवों को बाढ की विभिषिका से बचाने के लिए बलरामपुर से सिद्धार्थ नगर सीमा तक बांध बनाए गए थे लेकिन मानक के विपरित बांध बनाए जाने से नदी ने ग्राम चन्दापुर के पास बांध का कटान कर दिया। इस कटान से नदी का पानी पचासों गांव में घुस गया। अचानक नदी का पानी गांव के घरों में घुसने से ग्रामीण किसी तरह जीवन यापन कर रहे है। ग्रामीणों के सामने सबसे अधिक समस्या खाने की है। तमाम ग्रामीण खाने के लिए तरस रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को बाढ के तीन दिन बीतने पर राहत सामग्री का वितरण नहीं किया है। अधिवक्ता संघ उतरौला अध्यक्ष बीरेंद्र सिन्हा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों में वितरित करने के लिए राशन,खाघ सामग्री,व अन्य जरुरत के सामानों का वितरण नहीं किया है। तहसीलदार उतरौला राम आसरे ने बताया कि उतरौला तहसील क्षेत्र में रविवार को 46 गांव प्रभावित थे। नदी का पानी बढ़ने से अब 56 गाव प्रभावित हो ग ए है। विकास खण्ड श्रीदत्तगंज क्षेत्र के ग्राम मनियरिया एहतमाली में ग्रामीणो को आवागमन में राहत के लिए एक मोटरबोट लगाई गई है। तीन मोटरबोट पर अधिकारियों के साथ बाढ राहत दल बराबर बाढ क्षेत्रों में गश्त कर रहा है। पूरे क्षेत्र में 41 नाव लगाई गई है। रविवार को इस तहसील के 26,350 ग्रामीण बाढ से प्रभावित थे । नदी का पानी बढ़ने से 35,500, ग्रामीण प्रभावित हो चुके हैं। बाढ पीड़ितों को भूख से बचाने के लिए राहत केन्द्र पर भोजन बनवाकर उसे वितरित कराया जा रहा है। जिला मुख्यालय से सोमवार तक कोई राहत सामग्री वितरित करने के लिए नहीं आई है।

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