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जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर मौलाना कलाम आजाद के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित

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रिपोर्ट – शैलेन्द्र सिंह पटेल

बाराबंकी। मौलाना अबुल कलाम आजाद महान स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, शिक्षाविद् के साथ-साथ देश के पहले शिक्षा मंत्री थे उन्होने न सिर्फ आजादी की लडाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि देश की शिक्षा व्यवस्था में भी व्यापक सुधार किया अपने 11 साल देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में निशुल्क शिक्षा, उच्च शिक्षा संस्थानो की स्थापना, आई0आई0एम0, आई0आई0टी0, यूजीसी की स्थापना की नींव रखी। देश में शिक्षा के क्षेत्र मे उल्लेखनीय बदलाव के कारण उन्हे देश में शिक्षा का संस्थापक कहा जाता है।
उक्त उद््गार आज जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मो0 मोहसिन ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के अवसर पर कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर मौलाना आजाद के चित्र पर कांग्रेसजनो के साथ उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के पश्चात्् व्यक्त किये।
कांग्रेस अध्यक्ष मो0 मोहसिन ने कहा कि मौलाना आजाद की प्रारम्भिक शिक्षा घर पर हुयी 12 साल की उम्र में ही मौलाना ने किताबे लिखनी शुरू कर दी थी उन्होने धर्म के आधार पर नये देश पाकिस्तान के गठन का भी विरोध किया आप अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। महात्मा गांधी के साथ असहयोग आन्दोलन में शमिल होने तथा सरकार के खिलाफ भाषण करने के कारण 10 दिसम्बर 1921 को गिरफ्तार किये गये और दो साल की सजा काटनी पडी। हिन्दु मुस्लिम एकता को बल देने वाले महान राष्ट्रवादी नेता और भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के कारण उनके सम्मान में उनके जन्म दिन 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया गया।
देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्म दिन के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो मे मुख्यरूप से मो0 इरफान कुरैशी, अजीत वर्मा, शबनम वारिस, सोनम वैश्य रामचन्दर वर्मा, रमेश कश्यप, संजीव मिश्रा, अम्बरीश रावत, रविकुन्द वर्मा माता प्रसाद मिश्रा सहित दर्जनो कांग्रेसजन थे।

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