जिम्मेदार करेंगे कोई ठोस कार्यवाही या यूं ही चलता रहेगा अवैध डायग्नोस्टिक अल्ट्रासाउंड सेंटर सवालिया निशान..?
1 min read
रिपोर्ट – ब्यूरो बलरामपुर
गौरा चौराहा/बलरामपुर – एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध डायग्नोस्टिक सेंटरों व अवैध अस्पतालों पर ताबड़तोड़ विभागीय कार्यवाही की जारही है।वहीं दूसरी तरफ कुकुरमुत्ते की तरह इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जिसका उदाहरण है जिले में तमाम पैथोलॉजी सेंटर व जांच केंद्र बेखौफ अपना सेंटर संचालित कर रहे है।जो स्थानीय सीएचसी अधीक्षक से लेकर जनपदीय स्वास्थ अधिकारियों को खुली चुनौती दे रहे है और अगर ऐसा नही है तो फिर इनपर कौन सी ठोस कार्यवाही की गई जिस से इनपर लगाम लगा।अगर बात करे तो जिले में कुछ चिन्हित पैथोलॉजी सेंटर को अगर अलग कर दिया जाय जिनका मानक सही और नियमित है तो बाकी कैसे संचालित हो रहे है।जानकारों की माने तो जिले में कई ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे है जिनका ना कोई मानक है ना ही लैब पर कोई अधिकृत टेक्नीशियन व चिकित्सक बैठता है।इसलिए यहां यह कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है जब साहब मेहरबान तो गधा भी पहलावन ताजा मामला जनपद बलरामपुर के सदर विकासखंड अंतर्गत आने वाले गौरा चौराहा का है जहां पर बेखौफ होकर राजधानी डायग्नोस्टिक सेंटर धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है जबकि केंद्र पर ना तो कोई बोर्ड लगा है और ना ही किसी चिकित्सक का कहीं नाम लिखा है। स्थानीय निवासियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चौराहे पर सब्जियों का ठेला लगाने वाले अप्रशिक्षित लड़कों के द्वारा धड़ल्ले से मरीजों की जांच की जा रही है और केंद्र पर आने वाले मरीज से भारी भरकम वसूली की जा रही है।कुछ दिन पूर्व दुष्कर्म पीड़िता के गर्भ जांच में भी राजधानी डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक का नाम आया था।जिसके परिणास्वरूप गर्भपात करने वाले महक हॉस्पिटल पर तो जांच करते हुए जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही किया गया।इसकी भनक लगते ही राजधानी डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालक सेंटर बंद करके मौके से फरार हो गया था।अब मामला ठंडा होता देख फिर एक बार अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन धड़ल्ले से अप्रशिक्षित लड़कों से सेंटर का संचालन करवा रहा है।बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसे अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर पर जिम्मेदार क्यों मेहरबान है और अभी तक क्यों कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाए है।