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लेखपाल ने धोखाधड़ी से पीड़ित का जमीन कराया अपने मां के नाम पैसे मांगने पर जान मारने की धमकी।

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रिपोर्ट -सुहेल खान

सिद्धार्थनगर।मामला जनपद बलरामपुर व सिद्धार्थनगर से जुड़ा है। गरीबों के जमीनों पर कब्जा करना व डराना धमकाना दबंगों व भू माफियाओं के लिए आम बात हो गई है। जिसके चलते ना जाने कितने परिवार बेसहारा हो गए बेघर हो गए। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी खानापूर्ति करके मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करते है। आपको बताते चलें कि पीड़ित भीखल्लाह पुत्र सिराजुल रोजी रोटी कमाने के सिलसिले में अक्सर प्रदेश रहता था। भीखल्लाह को बाप से मिला सिद्धार्थनगर भड़ारिया बजार स्थित कुछ जमीन पड़ी थी माली हालत ठीक ना होने के कारण पीड़ित ने फैसला किया की जमीन निकालकर जो पैसा मिलेगा कुछ धंधा करोबार कर लेंगे। ताकि की बच्चों का पालन पोषण अच्छे से हो जाएगा। लेकिन पीड़ित को क्या पता था उसके सारे अरमानों पर पानी फिर जाएगा। पीड़ित भीखल्लाह को एक दिन मास्टरमाइंड अतिकुर रहमान पुत्र बशीर निवासी ग्राम रसूलाबाद तहसील उतरौला जनपद बलरामपुर पीड़ित के जमीन को बेचवाने का वादा करता है। और सिद्धार्थनगर भड़ारिया निवासी संजय व मजय लेखपाल से मिलाता है और बातचीत मे 3 लाख पचास हजार रुपए के कीमत मे तय होता है।

जिसके बाद पीड़ित को एसबीआई बैंक का तीन लाख पचास हजार रूपए का चेक दिया जाता है। विजय लक्ष्मी पत्नी तुलसीराम निवासी भड़रिया के नाम बैनामा होता है बैनामे मे दुर्गा प्रसाद शुक्ला पुत्र संतराम जयसवाल व नसीम पुत्र नफीस को गवाह बनाया जाता है। दाखिल खारिज मे कोई रुकावट ना बने धोखाधड़ी से बैनामे मे गवाह बने नसीम पुत्र नफीस का नंबर दे दिया जाता है। रजिस्ट्री आफिस से निकलते ही संजय मजय लेखपाल ने पीड़ित से यह कहकर दिया गया चेक वापस ले लिया कुछ ग़लत हो गया सुधार करके वापस दे देंगे। लेकिन बैनामे के तारीख़ से अब तक ना पीड़ित को चेक वापस दिया गया ना पैसा पीड़ित जब मांगने जाता तो उल्टे उससे ही गाली-गलौज व मारपीट करने को उतारु हो जाते थे भू माफिया। पीड़ित ने जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर सहित उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वैसे कानून के डिक्शनरी मे गरीब के लिए इंसाफ नाम की कोई जगह है नहीं कानून रसूखदारों व भू माफियाओं के चौखट पर आकर दम तोड़ देता है। गरीब आदमी को इंसाफ मिलना मुश्किल हो गया है। भीखल्लाह पुत्र सिराजुल दबंगों के रोज-रोज गाली गलौज मार-पीट से तंग आकर उतरौला तहसील क्षेत्र के चिरकुटिया बजार मे आकर किराए के मकान मे रहकर परिवार के साथ गुज़र बसर कर रहा है। माली हालत खराब है घर मे खाने को अनाज नहीं है। ऐसे मे समाजसेवी सगीर अहमद गरीब बेसहारा परिवारों के लिए फरिश्ता बनकर आए।

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