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थाना क्षेत्र सीमा निर्धारण में खामियों से ग्रामीणों को हो रही परेशानी, एएसपी ने पुनर्विचार का दिया आश्वासन

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रिपोर्ट -सुहेल खान

उतरौला (बलरामपुर) जनपद बलरामपुर के थाना क्षेत्रों के पुनर्गठन के बाद नागरिकों को दूरी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासनिक दृष्टि से थाना क्षेत्र के कार्य क्षेत्रों का विभाजन पुलिसिंग को सुगम बनाने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन कई गांव ऐसे हैं जिन्हें नए थानों में तो शामिल कर दिया गया, परंतु वे अपने नए थाना मुख्यालय से काफी दूर स्थित हैं। परिणामस्वरूप, आमजन को छोटी-छोटी शिकायतों या आवश्यक कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
उतरौला थाना क्षेत्र से हाल ही में श्रीदत्तगंज थाना और गैंडास बुजुर्ग थाना को अलग किया गया था। इस बंटवारे के दौरान कुछ ऐसे गांव भी नए थानों में चले गए जो भौगोलिक दृष्टि से दूर हैं। उदाहरण स्वरूप धौरहरा गांव अब श्रीदत्तगंज थाना क्षेत्र में शामिल है, जबकि यह लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसी तरह चीती गांव भी अब श्री दत्त गंज थाना में शामिल हैं जो लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। इन क्षेत्रों से संबंधित नागरिकों को अब अपनी शिकायत दर्ज कराने या किसी कानूनी सहायता के लिए दूरस्थ यात्रा करनी पड़ रही है, जिससे समय और संसाधनों की भारी बर्बादी होती है।
यह मुद्दा शनि7वार को साइबर हेल्प डेस्क एवं आगंतुक कक्ष के उद्घाटन समारोह के दौरान प्रमुख रूप से उठाया गया। समारोह में नगर पालिका परिषद उतरौला के अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप चंद्र गुप्ता ने जनहित से जुड़ी इस महत्वपूर्ण समस्या को अपर पुलिस अधीक्षक बलरामपुर विशाल पांडेय के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि थाना सीमा निर्धारण के समय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और जनसुविधा को ध्यान में रखा जाना चाहिए था। वर्तमान व्यवस्था में ग्रामीणों को अपने थाना मुख्यालय तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस पर अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडेय ने तुरंत संज्ञान लेते हुए कहा कि आम जनता की सुविधा पुलिस विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि नागरिकों की इन समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और थाना क्षेत्र की सीमाओं के पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर कुछ क्षेत्रों का पुनर्विन्यास किया जाएगा ताकि ग्रामीणों को पुलिस सहायता प्राप्त करने के लिए लंबी दूरी न तय करनी पड़े।
स्थानीय नागरिकों ने अपर पुलिस अधीक्षक की इस संवेदनशील पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अगर थाना क्षेत्र की सीमाओं का पुनर्विन्यास किया जाता है तो इससे न्याय व्यवस्था और पुलिस सेवाओं की पहुंच और सुलभ हो जाएगी।
नगरवासियों का मानना है कि जिस उद्देश्य से थानों का विभाजन किया गया था ताकि अपराध नियंत्रण और जनसेवा में तेजी लाई जा सके, वह तभी पूर्ण होगा जब क्षेत्रीय सीमाएं भौगोलिक स्थिति और जनसुविधा को ध्यान में रखकर तय की जाएं।
थाना क्षेत्र निर्धारण में आ रही इन खामियों को सुधारने की दिशा में यह कदम प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है। ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि जिला पुलिस प्रशासन जल्द ही व्यावहारिक समाधान निकालकर नागरिक सुविधा को प्राथमिकता देगा।

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