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धान उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण संपन्न

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रिपोर्ट-प्रमोद कुमार चौहान

कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा द्वारा आज दिनांक 27 जुलाई 2022 को ग्राम महेवानानकार विकासखंड मनकापुर गोंडा में एक दिवसीय धान उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ । प्रशिक्षण का शुभारंभ डॉक्टर मिथिलेश कुमार पांडेय द्वारा किया गया । उन्होंने कृषकों से वैज्ञानिक ढंग से धान उत्पादन करने की सलाह दी । प्रशिक्षण समन्वयक डॉ राम लखन सिंह ने धान की रोपाई में प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कम से कम 45 स्थानों या पूंजा रोपने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि धान की रोपाई करते समय यदि पंक्तियों में रोपाई की जाए तो अच्छा उत्पादन मिलता है । पंक्तियों में रोपाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंटीमीटर तथा पौधा से पौधा की बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर रखी जाती है । धान की पौध निकालने के बाद तुरंत बाद खेत में रोपाई करें । धान रोपाई के बाद खरपतवार नाशी रसायन एनीलोफास या पेंडिमेथलीन का प्रयोग करें । रोपाई के 2 सप्ताह बाद मृत पौधों के स्थान पर नये पौधों की रोपाई करें । पौधों की संख्या उचित होने अच्छा उत्पादन मिलता है । धान की फसल लगभग 25 दिन की होने पर यदि खरपतवार दिखाई दें तो खेत से पानी निकालकर बाइसपेरिबैक सोडियम 10% एससी की 100 मिलीलीटर दवा प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें । डॉ अजयबाबू सिंह मृदा वैज्ञानिक ने धान में खाद एवं उर्वरक की संतुलित मात्रा के प्रयोग की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण की संस्तुति के अनुसार धान में नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश एवं जिंक सल्फेट का प्रयोग करें । जिंक सल्फेट की 10 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से खेत में अवश्य प्रयोग करें । इससे खैरा रोग का प्रकोप नहीं होता है

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