ईट भट्ठा एसोसिएशन ने विरोध करने की चेतावनी देते हुए भट्ठा बंद करने का लिया निर्णय
1 min readगोण्डा। आल इंडिया ईंट भट्ठा एसोसिएशन ने सरकार की उदासीनता के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने की चेतावनी देते हुए भट्ठा बंद करने का निर्णय लिया है।
कोयले के दाम में दोगुनी वृद्धि, जीएसटी कंपोजीशन स्कीम को खत्म कर जीएसटी स्लैब में वृद्धि, श्रम कानूनों को कड़ा करना, मिट्टी खदान में पुलिस प्रशासन की अवैध वसूली, ईंट भट्ठा मालिकों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये भट्ठा मालिकों की कमर तोड़ने के प्रयास हैं जिस पर सरकार ने अपनी कार्रवाई नहीं बदली है।जिसको लेकर हम अगले सत्र से ईंट भट्टों को बंद करने के लिए मजबूर हैं। यह बात अखिल भारतीय और उत्तर प्रदेश ईंट निर्माण संघ द्वारा गुरुवार को झूलेलाल धर्मशाला में अनिश्चितकाल हड़ताल के संबंध में कही गयीं। एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरीश दत्त सिंह ने कहा की सरकार और प्रशासन ने ईंट भट्ठा मालिकों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है जिससे आने वाले सीजन में सभी भट्टे बंद रहेंगे। जिससे देश और राज्य की प्रगति अपने आप रुक जाएगी।जिससे बड़ा नुकसान होगा। प्रेस वार्ता के दौरान संघ के महामंत्री फहीम अहमद पप्पू ने कहा कि ईंट भट्ठा मालिकों के प्रति सरकार का रवैया उदासीन बना हुआ है।जबकि भट्ठा मालिक लगातार भट्ठों की समस्याओं को सरकार के सामने ला रहे हैं। लेकिन प्रशासन इसके बावजूद तटस्थ रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कंपोजिशन स्कीम को खत्म कर जीएसटी स्लैब बढ़ा दिया गया है और ईंट भट्टों की होल्ड लिमिट की सीमा को 40 लाख से घटाकर 20 लाख कर दिया गया है, जबकि उसी देश में अन्य विनिर्माण इकाइयों को 40 लाख तक की छूट है। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष मुशफीक अहमद खान ने कहा कि ईंटों को सेंकने के लिए कोयले की सख्त जरूरत है और मौजूदा सरकार में कोयले के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं। साल 2021 में ये 18,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति टन मिलता था। उन्होंने मांग की है कि कोयला कारोबार में भ्रष्टाचार और कालाबाजारी बंद हो। भट्ठा मालिकों को पुरानी दर पर कोयला उपलब्ध कराया जाए। यह भी बताया गया कि ईंट बनाने के लिए पहले भट्ठा मालिकों को जिला पंचायत से मंजूरी लेनी होगी। उसके बाद उन्हें सरकार के पर्यावरण और वन विभाग के कानूनों के विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है और फिर उन्हें श्रम आयोग के कानूनों का पालन करना पड़ता है जिसके कारण भट्ठा मालिकों का हर तरफ से शोषण होता है। सरकार ने यदि यह सब बंद नहीं किया तो तो अगले सीजन के बाद भी से सभी ईंट भट्टे पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान हाजी मोहम्मद आमिर खान, आकाश चोपड़ा, कैलाश चंद लोदवानी, हरीश सिंह और हसीब खान सहित भट्टा एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।