जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते तालाबों का अस्तित्व खतरे में
1 min readरिपोर्ट =ब्यूरो चीफ गोंडा
मुख्यमंत्री के अनुसचिव केे निर्देश पर भी जलमग्न तालाब की भूमि से अवैध कब्जा हटवाने में कर्नलगंज तहसील प्रशासन कर रहा हीला-हवाली
कर्नलगंज, गोण्डा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के अनुसचिव के निर्देश पर भी जलमग्न तालाब की सरकारी भूमि खाली कराने में कर्नलगंज तहसील प्रशासन हीलाहवाली कर रहा है।
मामला तहसील एवं विकास खंड कर्नलगंज के अन्तर्गत ग्राम बुढ़वलिया से जुड़ा है, यहां के निवासी रामकुमार ने बीते 25 जुलाई को मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमे कहा गया है कि ग्राम बुढ़वलिया स्थित गाटा संख्या 79 जलमग्न खाते की सरकारी भूमि है। जिसे गांव के ही कुछ लोगों ने पाटकर मकान आदि बना लिया है। जिससे तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है।राम कुमार का आरोप है कि तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ कई बार तहसील कर्नलगंज में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर तालाब की भूमि खाली कराने की मांग की जा चुकी है। लेकिन तहसील प्रशासन/राजस्व विभाग ने कोई कार्यवाही नही की, जिस पर उसने सीएम के जनता दर्शन में पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया था। जहाँ पत्र का संज्ञान लेकर अनुसचिव मुख्यमंत्री कार्यालय भास्कर चन्द्र कांडपाल ने बीते 25 जुलाई को जिलाधिकारी गोंडा को नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया था। जिस पर डीएम ने तहसील कर्नलगंज के अधिकारियों को प्रकरण के निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी थी। जबकि 3 सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक मौके पर कोई झांकने तक नही गया है। इस तरह राजस्व कर्मियों की मिली भगत से क्षेत्र के जलमग्न तालाबों पर आये दिन भारी अतिक्रमण हो रहा है और तहसील प्रशासन अवैध कब्जों की जानबूझकर अनदेखी करते हुए मौन साधे हुए है और शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो रही है। इस संबंध में वार्ता करने हेतु जब उपजिलाधिकारी व तहसीलदार के सीयूजी नम्बर पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो दोनों अधिकारियों का फोन नही उठा। वहीं प्रभारी राजस्व निरीक्षक सुजीत भारती का कहना है कि प्रकरण उनके संज्ञान में नही है। लेकिन यदि ऐसा है तो दिखवाया जा रहा है।