सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
1 min readरिपोर्ट – शैलेन्द्र सिंह पटेल
मवई, अयोध्या। ग्राम व पोस्ट शेरपुर में हिंदू राष्ट्र शक्ति संगठन के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा आज संपन्न हो गई। कथा के समापन पर हवन यज्ञ के बाद प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहुति डाली।कथा प्रवक्ता पूज्य बाल आलोकानन्द व्यास जी ने सात दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई।उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। व्यास जी ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है।दुर्गुणों की बजाय सद् गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।कथा प्रवक्ता ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु,दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। प्रसाद कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन विधि विधान से पूजा एवं आहुति डाली। इस अवसर पर रूदौली विधानसभा विधायक श्री रामचन्द्र यादव जी, हिन्दू राष्ट्र शक्ति प्रदेश महामंत्री अमित गुप्ता जी, आशुतोष पांडे जी, अनुज मिश्रा जी, मथुरा प्रसाद मिश्रा जी, आकाश पाठक जी आदि हजारों भक्तों की उपस्थिति रही।