साहित्यिक संस्था बज्मे शामे गजल की ओर से एक मनकबती शेरी नशिस्त (काव्य गोष्ठी) संपन्न
1 min readरिपोर्ट – ब्यूरो चीफ गोण्डा
कर्नलगंज, गोण्डा। साहित्यिक संस्था बज्मे शामे गजल की ओर से एक मनकबती शेरी नशिस्त (काव्य गोष्ठी) नगर के मोहल्ला नई बाजार में अहमद रजा कादरी रज्म के आवास पर आयोजित हुई। जिसमें शायरों ने हजरत इमाम हुसैन व शहीदाने कर्बला की शान में कलाम पेश किए। हाजी सगीर आलम अंसारी व मुहम्मद जकी बकाई की सरपरस्ती में कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी शब्बीर अहमद शबनम ने की व संचालन याकूब सिद्दीकी अज्म ने किया। महामंत्री मुजीब अहमद सिद्दीकी ने स्वागत वक्तव्य देते हुए शहीदाने कर्बला को खिराजे अक़ीदत पेश दिया। वरिष्ठ साहित्यकार गणेश तिवारी नेश ने हजरत इमाम हुसैन को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भारत के दत्त ब्राह्मणों को हुसैनी बरहमन करार दिया। मुख्तार अहमद खां व अहमद रजा रज्म की मेजबानी में इरफान मसऊदी व अस्जद रजा ने नात पेश कर कार्यक्रम का आगाज किया। अध्यक्षता कर रहे हाजी शब्बीर शबनम ने कहा- जां दे दी राहे हक में मगर वाह रे हुसैन- हरगिज़ न सर झुकाया सितमगर के सामने। महामंत्री मुजीब सिद्दीकी ने शाह के गम पर कहा- चौदह सदियाँ हुई, लेकिन ये असर है अब तक- गम तेरा सुनके मेरी आंख से निकला पानी। नियाज अहमद कमर ने कर्बला के मुजरिमों पर कहा-
दामन पे जिनके दाग है खूने हुसैन का, जाएंगे कैसे शाफए महशर के सामने। अनीश खां आरिफ़ी ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अजमत बयान की – तवाफ में है अज़ल से हयात गिर्दे हुसैन- हयात क्या, है रवां कयानात गिर्दे हुसैन। अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा- जिनके सर झुकते रहे हों बस खुदा के सामने-वह भला कैसे झुके, जुल्मो जफा के सामने।मेहमान शायर आतिफ गोंडवी ने बताया- घटे न जो उसी कद को हुसैन कहते हैं- नबी की मोहरों सनद को हुसैन कहते हैं। अल्ताफ हुसैन रानी ने पढ़ा- कह रहा है मर्दे मोमिन से यही खूने हुसैन- जेरे खंजर यूं अदा होता है सजदा देखिए। साथ ही डॉ० असलम वार्सी बकाई, साबिर गुड्डू, याक़ूब अज़्म, सगीर अहमद सिद्दीकी, आतिफ नदीम व सलीम बेदिल ने कलाम पेश किए। इस मौके पर अब्दुल कयूम सिद्दीकी हरीश शुक्ला, आफाक सिद्दीकी, मोहम्मद अख्तर, जावेद अंसारी, सोनू श्रीवास्तव, रहमत अली, हाफिज मुख्तार अंसारी, अब्दुल खालिक, मेराज अनवर, इमरान इदरीसी, अहसन सिद्दीकी व नूर ऐन रजा आदि अनेकों लोग उपस्थित रहे। गोष्ठी के अंत में संस्था की ओर से अंजुमन शैदाये अदब के मुशायरे में कर्नलगंज तशरीफ़ लाने वाले मशहूर शायर हबीब हाशमी कोलकाता के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।