सर्दी व कुहरे के दृष्टिगत सड़क सुरक्षा उपायों को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी
1 min readरिपोर्ट -राम चरित्र वर्मा
बलरामपुर।ठण्ड बढ़ने के साथ ही जनपद में शीत लहर और कुहरे ने दस्तक दे दी है। ऐसे में आवश्यक है कि सर्द से बचा जाये तथा सड़क पर वाहन चलाते समय सुरक्षात्मक उपायों को अवश्य अपनाया जाये ताकि कुहरे या धुंध के कारण सड़क दुर्घटनाएं न होने पाये।अपर जिलाधिकारी/प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा प्रदीप कुमार ने ड्राइविंग की सेफ्टी से जुड़ी 10 जरूरी बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि सर्दी का मौसम शुरू हो गया तथा हल्का कुहरा भी पड़ने लगा है। ऐसे में सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाया जाना नितांत आवश्यक है। वाहन चालकों को सुरक्षा के टिप्स देते हुए कहा कि गाड़ी के फॉग लैम्प सही रखें। यदि आपकी गाड़ी के फॉग लैम्प काम नहीं कर रहे हैं तब उन्हें सही करवा लें। यदि कार में फॉग लैम्प नहीं हैं तो उसे जरूर फिक्स करवा लें। सर्दी के मौसम में जब धुंध होती है तब फॉग लैम्प बेहद कामगर साबित होते हैं। इसके साथ ही वाहन में लगे वाइपर को जरूर चेक करें। यदि आपकी कार के वाइपर की रबड़ थोड़ी सी भी खराब हो रही है, तो उसे भी बदलवा लें। सर्दी के मौसम में जब फॉग होता है या फिर ओस गिरती है, तब वाइपर विंडशील्ड को साफ करने का काम करते हैं।सर्दी के मौसम में डिफॉगर का इस्तेमाल भी अत्यधिक कारगर सिद्ध होता है। सर्दी के मौसम में यदि बाहर धुंध ज्यादा है और आपकी कार में डिफॉगर दिया है, तब उसका इस्तेमाल करना चाहिए। कई बार रियर ग्लास पर मॉइश्चर आ जाता है, ऐसे में डिफॉगर की मदद से उसे जल्दी साफ कर सकते हैं। डिफॉगर ग्लास पर हीट जनरेट करता है जिससे मॉइश्चर खत्म हो जाता है। सुरक्षा के दृष्टिगत टायरों में प्रेशर ओवर नहीं होना चाहिए। सर्दी के मौसम में टायर का प्रेशर का सही रहना काफी जरूरी हो जाता है। खासकर हवा ज्यादा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ठंड में ज्यादा नमी की वजह से सड़कें पूरी तरह सूखी नहीं होती। ऐसे में गाड़ी की स्पीड ज्यादा है और अचानक से ब्रेक लगाने पड़े तब कार के स्किड होना का खतरा रहता है। सर्दी में टायरों की रबर थोड़ी सिकुड़ जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि सर्दी में इमरजेंसी इंडिकेटर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। बारिश के मौसम की तरह सर्दी के मौसम में भी इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने से बचना चाहिए। इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि गाड़ी मोड़ते वक्त आप इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ऐसे में पीछे या आगे से आ रही गाड़ी से एक्सीडेंट होने खतरा बन जाता है। इसकी जगह हेडलाइट का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त इंजन को गर्म होने देना चाहिए। जब भी आप सर्दी के मौसम में कार को स्टार्ट करते हैं, तब 5 मिनट तक इंजन को गर्म होने दें। इस दौरान आप एक्सीलरेटर का इस्तेमाल नहीं करें। एक्सीलरेटर का इस्तेमाल करने से कार के इंजन पर असर होता है। खासकर, आपकी गाड़ी में डीजल इंजन है तब उसे 5 मिनट तक स्टार्ट रखना जरूरी हो जाता है। बैटरी को चार्ज करते रहेें। जिन कार की बैटरी पुरानी हो चुकी है वे सर्दी के मौसम में प्रॉब्लम करने लगती हैं। ऐसे में बैटरी को सही करना सबसे जरूरी हो जाता है, क्योंकि कार का स्टार्ट होना बैटरी से जुड़ा होता है। ऐसे में यदि आप अपनी गाड़ी को डेली यूज नहीं करते हैं तब हर 3 दिन में कार को 5 से 6 किलोमीटर जरूर चलाएं।वाहन चालकों को एंटी फॉगिंग एलिमेंट का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। सर्दी के दिनों में कार के अंदर फॉग आना आम बात है। इसे दूर करने के लिए आप एंटी फॉगिंग स्प्रे, सिलिका जेल जैसे किसी एलिमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो कपड़े की छोटी पोटली में चावल भरकर भी रख सकते हैं। इससे कार के अंदर फॉग की प्रॉब्लम काफी दूर होगी। इसके अलावा गाड़ी के अन्दर भाप हटाने के लिए एसी का इस्तेमाल करना चाहिए। बात थोड़ी अजीब है लेकिन विंडशील्ड के मॉयश्चर को हटाने का ये सबसे बेहतर तरीका होता है। यदि आपकी गाड़ी में ज्यादा लोग हैं तब उनकी बॉडी टेम्प्रेचर से कार के अंदर का टेम्प्रेचर बढ़ जाता है। ऐसे में यदि कार के बाहर का टेम्प्रेचर 8 से 10 डिग्री है तब आप एसी का टेम्प्रेचर 18 से 20 डिग्री तक कर सकते हैं। भाप हटाने के लिए हीटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सर्दी के मौसम में लो वेलोसिटी ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आपके एरिया में सर्दी ज्यादा है तब आपको लो विस्कोसिटी इंजन ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा सर्दी के मौसम वाहनों में रेडियम रेफलेक्टर/स्टीकर जरूर लगवाएं जिससे आपकी गाड़ी के आगे या पीछे से आने वाले वाहनों को दूर से ही आपकी गाड़ी दिख जाय और दुर्घटना से बचा जा सके।दो पहिया वाहन चालकों को भी सर्दी के दौरान सुरक्षा उपायों जैसे हेल्मेट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करना, हेड लाइट व इन्डीकेटर सही रखना, आगे व पीछे प्लेट व वाइजर पर रेडियम रेफलेक्टर लगवाना तथा मोड़ पर वाहन एकदम धीमा करके दोनों तरफ देखकर ही मुड़ने एवं पर्याप्त मात्रा में ऊनी व गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।