ओवरलोड वाहन दे रहे दुर्घटनाओं को दावत
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रिपोर्ट – राज कुमार विश्वकर्मा
छपिया /गोण्डा। भूसा लदे ओवर लोड वाहन दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। ऐसे वाहनों पर पुलिस व परिवहन विभाग का अंकुश नहीं है। वाहनों का परिचालन न हो इस पर सख्ती के निर्देश हर अधिकारियों को प्राप्त है, लेकिन छपिया क्षेत्र में इसका पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में आए दिन हादसे हो रहे हैं और लोगों की मौत भी हो रही है।ओवरलोडिंग की बात करें मसकनवा गौरा चौकी मार्ग पर सर्वाधिक ओवरलोड परिचालित वाहनों में भूसे से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली शामिल है अधिक कमाई की चाहत में ट्रैक्टर चालक परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित वजन से अधिक लोडिंग कर गंतव्य तक जाते हैं, जो दुर्घटना का कारण बनता है। यही नहीं अधिकांश ट्रैक्टर चालक नाबालिग होते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो अगर वाहन पर निर्धारित वजन लोड हो और लाइसेंस लेकर वाहन चालक गाड़ी चलाए तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। लेकिन क्षेत्र में चलने वाले ओवरलोड ट्रेक्टर ट्रॉली संचालकों की यह मजबूरी है कि उन्हें इस क्षेत्र से भूसा लेकर दूसरे जिले में जाना होता है इसलिए उन्हें लालच रहता है कि अधिक से अधिक भूसा भर कर वहां ले जाए। उनका यही लालच दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इस प्रकार ऐसे भूसे से लदे वाहन आमजन के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।पुलिस व परिवहन विभाग ओवरलोड वाहनों पर समय-समय पर जांच अभियान कर आवश्यक कार्रवाई अवश्य करती है। पर भूसा लदे वाहनों पर किसी का ध्यान नहीं है। सड़क पर अपनी क्षमता के अनुसार तीव्र गति से ट्रैक्टर ट्राली के दौड़ाने से भूसा उड़कर आम लोगो के मुंह , आंख , नाक , कान में प्रवेश कर सेहत के लिए खतरनाक साबित होते हैं। अमूमन इन वाहनों के पास बीमा, प्रदूषण, चालक लाइसेंस आदि कागजात नहीं रहते। पशु चारा के नाम पर ऐसे वाहनों पर पुलिस व परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों का ध्यान नहीं जा पाता। लेकिन ऐसे वाहनों पर अंकुश लगाने की जरूरत है।