वार्षिक प्रतिभा पुरस्कार में ग्रामीण बच्चों ने मारी बाज़ी
1 min read![](https://i0.wp.com/rashtriyesamachar.com/wp-content/uploads/2024/02/IMG-20240215-WA0167.jpg?fit=1024%2C696&ssl=1)
रिपोर्ट -ब्यूरो चीफ
पांच वर्षों से चल रही परियोजना में 8,300 बच्चे हुए लाभान्वित
सिद्धार्थनगर। बेसिक शिक्षा विभाग यूपी सरकार, स्माइल फाउंडेशन और आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन एबीसीएफ ने सिद्धार्थनगर जिले की वार्षिक प्रतिभा पुरस्कार विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया। जिसमें जिले के 22 स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। स्माइल फाउंडेशन, उत्तर प्रदेश प्रशासन और आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन के सहयोग से, पिछले पांच वर्षों से सिद्धार्थनगर जिले के सभी 14 ब्लॉकों में 36 ग्रामीण स्कूलों में काम कर रहा है। इस परियोजना से 8,300 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें 61 प्रतिशत लड़कियाँ हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जयेन्द्र कुमार मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर ने कहा, “स्माइल फाउंडेशन को मैं दिल से धन्यवाद देता हूँ, जो सभी 14 ब्लॉकों में काम कर रहा है। सिद्धार्थ नगर जिले के कई ग्रामीण स्कूली बच्चे अब राज्य की मेरिट सूची में पहुंच गए हैं। हमारे बच्चों की आकांक्षाओं को प्रज्वलित करने में प्रशासन का समर्थन करने के लिए ऐसे सामाजिक संगठनों की सराहना करना चाहता हूँ। उप जिला अधिकारी सुश्री अनामिका, जिला समन्वयक सुरेंद्र, खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल, और जिला आपदा विशेषज्ञ सुश्री पुष्पांजलि भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं और जिले भर से आए बच्चों का प्रोत्साहन किया। मेधावी बच्चों को वैज्ञानिक नवाचार और कला वर्गों की दो श्रेणियों के तहत पुरस्कृत किया गया।इस परियोजना में स्मार्ट कक्षाएं स्थापित करना और चलाना, स्मार्ट टीवी और सोलर पैनलों की स्थापना, एफएलएन कक्षाएं, पोषण संबंधी जागरूकता, शिक्षा प्रशासन के बारे में जानकारी देना शामिल हैं। स्माइल फाउंडेशन शिक्षकों, स्कूलों की प्रबंधन समिति, पीटीएम, माताओं-शिक्षकों की बैठकों, सामुदायिक स्वयंसेवकों को बढ़ाने, वृक्षारोपण और रसोई उद्यान को बढ़ावा देने की सुविधा प्रदान कर रहा है ताकि बच्चों और परिवारों को पोषण में सुधार के लिए कम लागत वाले स्थानीय समाधान मिल सकें।स्माइल फाउंडेशन जिले में जिला निगरानी समिति के साथ-साथ निपुण भारत टास्क फोर्स का भी सदस्य रहा है। स्माइल फाउंडेशन एक गैर सरकारी संगठन है जो भारत के 27 राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल के क्षेत्र में काम कर रहा है, जिससे हर साल 15 लाख बच्चों और उनके परिवारों को लाभ मिलता है।