कर्नलगंज के नवागत कोतवाल के लिए लाखों की लूट का खुलासा बना चुनौती
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रिपोर्ट प्रमोद कुमार चौहान
तत्कालीन कोतवाल के निलंबन और जिम्मेदार कस्बा इंचार्ज पर मेहरबानी से उठ रहे सवाल
पुलिस की गश्त और बेहतरीन पुलिसिंग के दावो की निकल रही हवा
कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली क्षेत्र के अन्तर्गत कस्बा कर्नलगंज में बीते 4 मार्च को बदमाशों द्वारा सर्राफा व्यवसायी से लाखों की लूट की बड़ी घटना का खुलासा करना नवागत कोतवाल निर्भय सिंह के लिए चुनौती साबित हो रहा है। एसपी द्वारा गठित की गई पांच टीमें अभी तक बदमाशों का पता नहीं लगा सकी है। मामले में तत्कालीन कोतवाल के निलंबन और जिम्मेदार कस्बा इंचार्ज पर मेहरबानी से भी सवाल उठ रहे हैं। क्षेत्र में अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने को लेकर दावे तो तमाम किए जाते हैं लेकिन सब कुछ ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं। अब ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर पुलिस कैसे अपराधियों पर नकेल कसेगी। नवागत कोतवाल निर्भय सिंह के लिए क्षेत्र का चर्चित लूट कांड, गंभीर अपराध, बेखौफ चोरों द्वारा घरों में घुसकर चोरी, बाईक चोरी, छिनैती सहित कोतवाली क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर रेलवे के आंड़ में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध मिट्टी व बालू के खनन व परिवहन पर अंकुश लगाना किसी चुनौती से कम साबित नहीं होगा। पुलिस ने अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए इस तरह की योजना बनाई कि मानो अपराधियों को जड़ से उखाड़ फेकेंगी। उसकी सारी तैयारी हवा हवाई साबित हो रही है।
आपको बता दें कि बीते 4 मार्च को कर्नलगंज कस्बे में सर्राफा व्यवसायी से हुई लूट का खुलासा ना हो पाने के चलते कर्नलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक हेमंत गौड़ को निलंबित कर दिया गया,लेकिन जिम्मेदार कस्बा चौकी प्रभारी आशीष कुमार पर आला अधिकारियों की मेहरबानी बरकरार रही। वैसे जो भी हो कस्बे में इतनी बड़ी घटना पहली बार हुई है जिसके चलते व्यापारियों में दहशत है। इस प्रकार की घटनाएं होने से ऐसा लगता है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं रहा। इससे पुलिस की गश्त और बेहतरीन पुलिसिंग के दावों की हवा निकल रही है। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक पर कार्रवाई के बाद कस्बे में जनचर्चाएं यह भी हैं कि अभी और कुछ लोग पुलिस अधीक्षक के निशाने पर आ सकते हैं। यही नहीं एसपी विनीत जायसवाल द्वारा घटना स्थल का जायजा लेते हुए बदमाशों को खोज निकालने और घटना का शीघ्र खुलासा करने के लिए चेतावनी दी जा चुकी है और इस मामले के खुलासे हेतु एसओजी समेत पुलिस की पांच टीमें लगाई हैं। इसके बावजूद अब तक घटना के 17 दिन बीतने के बाद भी पुलिस खाली हाथ दिख रही है। यही नहीं सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद भी किसी निष्कर्ष पर पुलिस नहीं पहुंच सकी। कस्बे के भीड़ भाड़ वाले इलाके में ऐसी वारदात का होना पुलिस की सक्रियता पर सवालिया निशान लगाती है। वहीं कस्बे में सर्राफा व्यापारी से हुए लूट कांड का खुलासा ना होने से आक्रोशित सर्राफा एसोसिएशन व व्यापार मंडल के पदाधिकारी समेत नगर के संभ्रांत व्यापारियों ने आपातकालीन बैठक करके एक सप्ताह में कार्रवाई न होने पर प्रशासन को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।