उपजिलाधिकारी कर्नलगंज के कार्यालय में लापरवाही की भरमार
1 min readरिपोर्ट-ब्यूरो चीफ गोण्डा
वर्षों से एक ही पटल पर काबिज होकर टाईप बाबू खेल रहे लुका छुपी का खेल
शिकायत के विपरीत पत्र जारी कर जांच को कर रहे प्रभावित।
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील मुख्यालय स्थित उपजिलाधिकारी कर्नलगंज के कार्यालय में लापरवाही की भरमार है, जहाँ वर्षों से एक ही पटल पर काबिज होकर टाईप बाबू लुका छुपी का खेल खेल रहे हैं। वहीं शिकायत के विपरीत पत्र जारी कर जांच को प्रभावित कर रहे हैं।मामला उपजिलाधिकारी कार्यालय कर्नलगंज का है, जहां बीते 25 जून को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी को पत्र देकर अनुरोध किया था कि ग्राम पंचायत पहाड़ापुर के दयाराम पुरवा में कई ऐसे दलित परिवार हैं जो फूस व छप्पर से बने घर मे जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं। दयाराम पुरवा के निवासी सड़क एवं नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक गणना पात्रता सूची में मुन्नी पत्नी अनोखीलाल, रामकला पत्नी भगौती आदि निवासिनी ग्राम पहाड़ापुर का नाम दर्ज है, परंतु संबंधित द्वारा आज तक उक्त पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रखा गया है। ऐसे में पत्रकार संगठन द्वारा उपरोक्त लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने व दयाराम पुरवा गांव को विकास की मुख्य धारा से जुड़वाने की अपेक्षा की गई थी। उपजिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लिया और टाइप बाबू को निर्देशित किया कि पत्र के आधार पर तहसीलदार करनैलगंज व एडीओ पंचायत करनैलगंज को जांच अधिकारी नामित करते हुए पत्र जारी कर हमें सूचित करें। जिसमें टाइप बाबू ने लापरवाही पूर्वक पत्रकार संगठन के पत्र पर तहसीलदार व एडीओ पंचायत के नाम पर इस प्रकार की चिट्ठी बनाई कि पदाधिकारीगण ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन करनैलगंज द्वारा ग्राम पंचायत पहाड़ापुर तहसील करनैलगंज के दयाराम पुरवा में प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच कराने हेतु ज्ञापन प्रस्तुत किया गया जिसमें उल्लिखित किया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्रों को छोड़कर अपात्रों को दिया गया है जिसकी एक सप्ताह में जांच कर आख्या प्रस्तुत करें। अब सवाल यह उठता है कि जब पत्रकार संगठन के पत्र में पात्र व अपात्र का उल्लेख नहीं किया गया है तो टाइप बाबू किसे बचाने का प्रयास कर जांच को प्रभावित कर रहे हैं।बताते चलें कि इसी तहसील में वर्षों से एक ही पटल पर काबिज होकर टाईप बाबू लुका छुपी का खेल खेल रहे हैं जो शिकायत के विपरीत पत्र जारी कर जांच को प्रभावित करते हुए अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। जिनकी कार्य प्रणाली सवालिया घेरे में है।