मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को पत्र लिखा जर्जर भवन को हस्तांतरित करने की मांग की -रब्बू सिद्दीकी
1 min readरिपोर्ट – नूर मोहम्मद
उतरौला (बलरामपुर) सपा नेता रब्बू सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर उतरौला नगर में राजस्व विभाग के भूमि व भवन में संचालित राजकीय बालिका इंटर कालेज को शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर जर्जर भवन को ढहाकर नया कालेज भवन बनाए जाने की मांग की है। रब्बू सिद्दीकी ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। पुराना भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।राजकीय बालिका इंटर कॉलेज उतरौला शहर के बीचों-बीच स्थित है। यह नगर का इकलौता राजकीय बालिका इंटर कॉलेज है। जहां सैकड़ों की संख्या में छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही है। परन्तु इसका जर्जर भवन छात्राओं के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। 1875 में बने इस भवन को लगभग सवा सौ साल बीत चुके हैं। इस भवन में पहले तहसील के कार्य का संचालन होता था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा के पास तहसील भवन बनने के बाद इस पुराने भवन में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज स्थापित है। खपरैल के ऊपर घास-फूस उगी होने से विषैले जीव-जंतुओं की भरमार है। विद्यालय भवन को शिक्षा विभाग में हस्तांतरित करने की मांग काफी अरसे से करते आ रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से इस भवन को हस्तांतरित करने में शिथिलता बरती जा रही है। राजस्व विभाग से शिक्षा विभाग को भवन हस्तांतरित ना होने के कारण नव भवन निर्माण हेतु शिक्षा विभाग द्वारा भेजी गई धनराशि को मजबूरन विभाग को वापस भेजना पड़ता है। राजकीय कन्या इंटर कालेज में अध्यापिकाओं की कमी व जर्जर भवन छात्राओं के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है। 134 वर्ष पुराने तहसील भवन में चल रहे इस स्कूल में शिक्षक व प्रवक्ताओं की कमी है। खपरैल की छतों वाले शिक्षण कक्ष छात्राओं के लिए खतरे का सबब बने हुए हैं।
वर्ष 1998 में स्थापित इस विद्यालय को नए सिरे से बनाए जाने की कवायद में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता आड़े आ रही है। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक संचालित इस विद्यालय में सैकड़ों छात्राएं पंजीकृत हैं।पुराना व जर्जर भवन होने के कारण अक्सर विषैले जीव जंतु कक्षाओं में भ्रमण करते हैं। बारिश के दौरान छत की लकड़ियां व खपरैल के टुकड़े टूटकर गिरते रहते हैं। स्कूल में प्रयोगशाला व कंप्यूटर प्रशिक्षक भी नहीं हैं।