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रेलवे क्रॉसिंगों पर जाम की विकराल समस्या से लोग परेशान

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रिपोर्ट -प्रमोद कुमार चौहान

क्रासिंग बन्द होने पर वाहनों की लग रही लंबी लाईनें

आखिर कब बनेगा फ्लाई ओवर ब्रिज और समस्या से मिलेगी निजात

कर्नलगंज, गोण्डा। स्थानीय क्षेत्र के गोंडा-लखनऊ हाईवे एवं कर्नलगंज हुजूरपुर मार्ग पर स्थित रेलवे क्रासिंगों पर जाम की समस्या आम हो चुकी है। प्रतिदिन इन रेलवे क्रासिंगों पर भीषण जाम की स्थिति बनी रहती है। जाम के झाम में फंसे लोग शासन प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को कोसते नजर आते हैं। दोपहर हो या शाम को करीब एक किलोमीटर लंबे जाम में बड़े वाहनों सहित दो पहिया चार पहिया वाहन व एंबुलेंस फंसी रहती है। यहां पर वर्षों से ओवरब्रिज की दरकार है। लेकिन इस ओर किसी अधिकारी या नेता ने ध्यान नहीं दिया है। वहीं रेलवे व स्थानीय पुलिस के लिए प्रतिदिन का जाम छुड़ाना मुसीबत बन गया है। कर्नलगंज रेलवे स्टेशन से जुड़ी क्रासिंग होने के वजह से बहुत देर में गेट खुलता है। यह भी समस्या लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर रही है।कर्नलगंज- हुजूरपुर बहराइच के लिए ट्रैफिक अधिक होने के कारण समपार फाटक बंद करने में गेटमैन को भी कठिनाई हो रही है। यह क्रासिंग सबसे व्यस्ततम रेलवे क्रासिंग बन चुकी है।गोंडा-लखनऊ रेल मार्ग से गुजरती है 170 से 180 ट्रेनें।जानकारों का कहना है कि गोण्डा लखनऊ रेलमार्ग एक व्यस्त रेलमार्ग होने के चलते हर 24 घंटे में इधर से 170 से 180 सवारी व मालगाड़ियों का आवागमन होता है। जिसके लिए इस रूट पर लगे रेलवे फाटक को 5 से 10 मिनट के लिए बंद किया जाता है।घंटो क्रासिंग बंद रहने से लगता है जाम,समय से इलाज के अभाव में कई मरीजों की गई जान।हुजूरपुर रेलवे क्रासिंग का समपार फाटक अक्सर बंद ही रहता है। जिससे आए दिन समय के इलाज के अभाव में मरीज गेट पर ही दम तोड़ देते हैं। वहीं स्कूली बच्चों, ऑफिस में काम करने वाले लोगों को हर रोज घंटों जाम के जाम में फंसकर परेशान होना पड़ता है। यहाँ लगने वाले भीषण जाम में फंसे लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोसते हैं। इतनी व्यस्त क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर ब्रिज बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। आसपास के लोग व समाजसेवी कई बार मुख्यमंत्री सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों व रेल मंत्री से फ्लाईओवर ब्रिज की मांग कर चुके हैं। लोगों का कहना है कि हर चुनाव में यह समस्या उठाई जाती है। नेता वादा भी करते हैं और फिर चले जाते हैं। पिछले कुछ साल में फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर कवायद शुरू हुई थी और फ्लाईओवर के निर्माण के संभावनाएं तलाशने के लिए सर्वे भी किया गया था,लेकिन आखिरकार यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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