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बालेश्वर शिवाला शिवलिंग चमत्कारी शिवलिंग

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शिवलिंग में भगवान भोले की प्रतिमा ॐ के साथ

रिपोर्ट-शैलेंद्र सिंह पटेल

बाराबंकी। भगवान शंकर के श्रावण मास के महीने पर एक जाग्रत शिवलिंग पर विशेष लेख।तहसील रामनगर अंतर्गत ग्राम सभा मीतपुर लोहटी जई के बीच में बने चमत्कारी मंदिर बालेश्वर शिवाला शिवलिंग जो करीब 200 वर्षो पुराना मंदिर है।बालेश्वर शिवलिंग की स्थापना बाला प्रसाद शुक्ल ने किया था।शिवलिंग की पूजा जो भक्त श्रद्धा पूर्वक भक्ति भाव से करते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी हो जाती है। एक अद्भुत बात तो यह है इस शिवलिंग को अगर भक्त सच्चे मन से ध्यान से देखें मन में कोई खोंट न हो सच्चे मन से भक्ति पूर्वक भोलेनाथ की प्रतिमा को अगर देखें तो उसमें साक्षात भगवान शंकर गंगा की धारा के साथ दिखाई देते हैं।और ओम भी दिखाई पड़ता है। बस आपके अंदर श्रद्धा भाव होना चाहिए। बालेश्वर शिवलिंग की पूंजा पाठ सर्व प्रथम बाला प्रसाद शुक्ल ने शिवलिंग स्थापित कर किया। और आसपास के सैकड़ों भक्त प्रतिदिन दिन पूजा किया करते थे। बाला प्रसाद शुक्ल के बाद पास के गांव के रहने वाले जमीदार बाबा कैलाश द्विवेदी जो लोहटीजई ग्राम सभा के निवासी थे।वह मंदिर के पास में छप्पर रखकर मिठाई की दुकान खोली थी।और जब तक जीवित रहे बालेश्वर शिवाला की पूंजा अर्चना की।उन्होंने एक पीपल का वृक्ष मंदिर परिसर में लगाया जो मंदिर के ऊपर गुम्बद में त्रिशूल की लाट में पौधा बन कर निकला था। बाबा कैलाश द्विवेदी ने उसको जीवंत रूप प्रदान किया।आज विशाल पीपल का वृक्ष है जो उनका जीता जागता उदाहरण है। वर्तमान समय में बालेश्वर शिवलिंग की पूजा अर्चना प्रतिदिन की तरह 27 वर्षों से पंडित राधेश्याम बाजपेई के द्वारा की जा रही है।उन्होंने बताया कि हमको भी बालेश्वर महादेव चमत्कार दिखा चुके हैं।मैं एक बार आरती कर रहा था मंदिर में कि अचानक प्रकाश का पुंज उत्पन्न हुआ शिवलिंग के पास और फिर गायब हो गया।उन्होंने कहा मैंने स्वयं भगवान की प्रतिमा शिवलिंग में देखी है।मंदिर का द्वार बहुत छोटा था इसलिए मैंने एक द्वार और कर दिया। जिससे मंदिर में प्रकाश उत्पन्न हो गया। इस शिवलिंग की जो श्रद्धा भाव से पूजा करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है सावन माह में सैकड़ों क्षेत्रीय लोग पूजा अर्चना करने आते रहते हैं।

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