इमामे हसन व हुसैन की शहादत में निकाली गयी मुहर्रम जुलुस
1 min readरिपोर्ट =राम चरित्र वर्मा
आज के तारीख में हीं 70 साथियों के साथ दोनों भाइयों की हुई थी शहादत
इमामे हसन व हुसैन की नारे से गूंजे पुरे क्षेत्र
मुहर्रम पर्व शांति पूर्ण मनाने के लिए जगह जगह पुलिस थी मुस्तैद
उतरौला : रेहरा बाज़ार। क्षेत्र में हजरत इमामे हसन व हुसैन की शहादत की यादगार में निकाली गयी मुहर्रम जुलुस। जहां हजरत इमामे हसन व हुसैन की नारे से गुंजा पूरा क्षेत्र। मुस्लिम समुदायों ने जहां ताजिया व इस्लामी झंडे का झांकी निकाली वहीं लाठी तलवार व भाले गड़ासे से एक से बढ़ कर एक कर्तव्य दिखाया। साथ हीं तिरंगा फहरा कर तथा तिरंगा के समान में नारे लगा देशभक्ति का सबूत दिया। मुहर्रम का जुलुस के साथ उतरौला, रेहरा बाजार क्षेत्र में कई जगहों पर मेला का आयोजन किया गया।जिसमें भुताहा, उतरौला, हुसेनाबाद आदि गाँव का मेन चौक स्थित प्रांगण में किया गया। वहीं हुसेनाबाद ग्रांट आदि गांवों का भुताहा कर्बला मैदान में अखाड़े लगा लाठी तलवार, भाले का कर्तव्य दिखाते हुए शाम 7 बजे सम्पन्न किया गया। वहीं शांति पूर्ण पर्व मनाने के लिए रेहरा बाजार पुलिस जगह जगह मुस्तैद थी। बता दें कि मुहर्रम का पर्व इमामे हसन व हुसैन की शहादत की यादगार में इस्लामिक महीने के दशवीं तारीख को मनाया जाता है। इमामे हसन व हुसैन ने आज के दिन हीं यजिदों के साथ ईस्लाम के खातिर अपने 70 साथियों के साथ लड़ते लड़ते शहादत हो गए थे। उनकी शहादत तब हुई जब वे नमाज यदा कर रहे थे और इसी बीच इमामे हसन हुसैन को यजीदियों ने धोखे से शहीद किया था। आज पूरे देश में इन्ही के शहादत के यादगार में गम के साथ मुहर्रम का पर्व मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय आज के दिन रोजे रख नमाज यदा करते हैं। जुलुस में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदायों से लेकर हिन्दू समुदाय शामिल थे। जिसमें जनप्रतिनिधि , राजनितिक दल, बुद्दिजीवी व पुलिस प्रशासन शामिल थे।