प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉ अक्सर रहते हैं नदारत, जिम्मेदार मौन
1 min readउतरौला (बलरामपुर)मानापार बहेरिया में बना प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र लोगों का इलाज करने के बजाय खुद बीमार है। यहां न पूरा स्टाफ है और न ही स्वास्थ की ज़रुरी सुविधाएं।प्रसव आदि के लिए महिलाओं को 10 किलोमीटर की दूरी तय करके उतरौला सीएचसी जाना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार इस स्वास्थ केन्द्र की सुविधाएं दुरुस्त कराने की मांग की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। तहसील मुख्यालय से लगभग 10किलोमीटर दूरी पर स्थित मानापार बहेरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ विभाग की उदासीनता के चलते क्षेत्र की लगभग 50हजार की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण झोलाछाप डॉक्टरों की पौबारा है।मानापार बहेरिया में कहने को तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना है यहां पर मेडिकल आफीसर व चिकित्सक की भी तैनाती है, लेकिन यहां पर अब तक प्रसव की व्यवस्था न होने से इलाके के दर्जनों गांवों के बाशिंदों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वैसे तो इस केंद्र पर सुसज्जित भवन के साथ चिकित्सकों के रहने के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध है । परन्तु महिलाओं के इलाज के लिए न तो कोई एन एम हैं और न ही नर्स की तैनाती की गई है। महिला चिकित्सकों, संसाधनों व दवाइयों के अभाव में महिलाओं को साधारण बीमारियों व प्रसव के लिए 15 से20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर सीएचसी उतरौला जाना पड़ता है। लगभग दो दशक पूर्व में बने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अब तक महिलाओं के लिए प्रसव की व्यवस्था नहीं हो सकी है। सीएचसी अधीक्षक डॉ चन्द्र प्रकाश सिंह का कहना है कि महिलाओं के प्रसव की समुचित सुविधाओं के लिए प्रयास किया जा रहा है जल्द ही इस समस्या से निजात मिलेगी।