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सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने खंड विकास अधिकारी, इस्तीफा हुआ वायरल , डीएम व सीडीओ ने आरोपों का किया खंडन

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रिपोर्ट – चैतन्य नारायण

बाराबंकी –2 दिन से सोशल मीडिया पर खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी चर्चा का विषय बने हुए है सोशल मीडिया पर खंड विकास अधिकारी का इस्तीफा खूब वायरल हुआ तथा अपर मुख्य सचिव द्वारा आयुक्त ग्राम्य विकास को जांच के लिए लिखा गया पत्र भी खूब वायरल हो रहा है ।जो इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसमें खंड विकास अधिकारी द्वारा यह लिखा दिखाया गया कि मेरा स्थानांतरण 1 जुलाई को पूरेडेलई कर दिया गया था और उसी दिन मैंने ज्वाइन भी कर लिया था लेकिन सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन करने पर मेरा स्थानांतरण पुनः रामनगर कर दिया गया 8 जुलाई को जिलाधिकारी द्वारा शाम को मुझे अपने आवास पर बुलाया गया और वहां मुख्य विकास अधिकारी और जिला अधिकारी द्वारा मुझे डांट लगाई गई एवम भविष्य में अंजाम भुगतने की धमकी दी गई उसमें लिखा हुआ है कि अगर सांसद और जनप्रतिनिधि ने मेरा ट्रांसफर रुकवाने के लिए प्रयास किया तो उसमें मेरा क्या दोष है वही 30 जुलाई को आप लोगो द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया जब मुझे 102.5 डिग्री फॉरेनहाइट का फीवर था जबरदस्ती मुझे बुलाया गया और दो-तीन घंटे जिला अधिकारी बाराबंकी व मुख्य विकास अधिकारी बाराबंकी द्वारा मानसिक प्रताड़ना दी गई जिससे मैं त्यागपत्र दे रहा हूं उस पत्र में यह भी लिखा है कि 1 महीने से खंड विकास अधिकारी का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था। वैसे बतादे की मामला त्यागपत्र संबंधी चाहे जो हो असलियत तो जांच के बाद ही सामने आएगी ।वही मुख्य विकास अधिकारी व डीएम के अनुसार कतिपय अखबारों एवं सोशल मीडिया साइट पर खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी द्वारा दिनांक 2 अगस्त को तथाकथित रूप से जारी किये गए त्याग पत्र एवं दिंनाक 3 अगस्त को उस त्याग पत्र को वापस लेने की खबर प्रकाशित हो रही है. हालाँकि यह पत्र मूल रूप से अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं, किन्तु श्री त्रिपाठी द्वारा व्हाट्सप्प के माध्यम से प्रेषित किये गए हैं. पत्र में लगाए गए आरोप बेबुनियाद एवं निराधार हैं. गत दिनांक 30 जुलाई को जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, पीडी डीआरडीए डीसी मनरेगा द्वारा अन्य अधिकारियों के साथ विकास खंड रामनगर कार्यालय एवं स्थलीय कार्यों का निरीक्षण किया गया, जिसमे कतिपय खामियां/ वित्तीय अनियमित्तायें पायी गयी तथा जिस सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही करते हुए शासन को भी आख्या प्रेषित की गयी है. शासन के निर्देशों के क्रम में समय समय पर सरकारी कार्यालयों एवं स्थलीय कार्यों का निरीक्षण तथा भौतिक सत्यापन करना उच्च अधिकारियों का दायित्व है. इसी कड़ी में पिछले कुछ महीनों में जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी द्वारा तहसीलों, विकास खंड कार्यालयों तथा अन्य कार्यालयों का निरिक्षण किया गया है. उसी कड़ी में दिनांक 30 जुलाई को विकास खंड रामनगर का भी निरीक्षण किया गया था।

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