कर्नलगंज तहसील में सरकारी कार्यालय बना आरामगाह!नजारत कार्यालय में कुर्सी पर बैठा बाहरी शख्स
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रिपोर्ट -ब्यूरो गोण्डा
वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप, जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे गंभीर सवाल
कर्नलगंज,गोंडा। स्थानीय तहसील स्थित नजारत कार्यालय का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाहरी व्यक्ति सरकारी कुर्सी पर साहब की तरह बैठा नजर आ रहा है। वीडियो सामने आते ही प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप मच गया है। यह वीडियो न सिर्फ सरकारी कार्यालयों में लापरवाही और अनुशासनहीनता को उजागर करता है, बल्कि यह भी एक सवाल उठाता है कि आखिर किसकी शह पर यह सब हो रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति सरकारी टेबल-कुर्सी पर बैठा है, जैसे वह खुद कोई अधिकारी हो। उसके हाव-भाव और बैठने का अंदाज़ देखकर यह साफ झलकता है कि वह दफ्तर के माहौल में पूरी तरह सहेज है। वहीं आसपास मौजूद कर्मचारी या अन्य लोग उसकी उपस्थिति पर कोई आपत्ति जताते नहीं दिखते,जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि इस व्यक्ति को किसी की शह प्राप्त है अब तक की जानकारी के अनुसार, यह व्यक्ति तहसील कर्मी नहीं है और न ही किसी अधिकृत पद पर तैनात है। फिर सवाल उठता है कि आखिर यह शख्स किसके बुलावे पर दफ्तर के भीतर आया और आराम से कुर्सी पर बैठा रहा? क्या यह रोज़ का ही मामला है? क्या यह किसी ‘सिस्टम’ का हिस्सा है या फिर महज़ एक लापरवाही है ।
इस मामले ने तहसील के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर नजारत कार्यालय जैसी जगहों पर सुरक्षा और गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा जाता है,जहां दस्तावेज़ों और कार्यालयीन सामग्री का आदान-प्रदान होता है। ऐसे में एक बाहरी व्यक्ति का वहां बिना किसी रोक-टोक के पहुंचना और अधिकारियों की कुर्सी पर बैठ जाना दर्शाता है कि या तो सुरक्षा व्यवस्था नाम मात्र की है, या फिर यह किसी आंतरिक मिलीभगत का नतीजा है। सूत्रों की माने तो इस व्यक्ति का नाम प्रकाश वीर सिंह है विकासखंड कटरा बाजार के ग्राम पंचायत कोटिया मदारा का रहने वाला है पेशा इसका विभागों की दलाली करना है इसके पहले थाना कौड़िया में इसके खिलाफ 61/ 2023 दलाली का एक मुकदमा पंजीकृत है जिसमें एक दिव्यांग व्यक्ति से कोटा दिलाने के नाम पर एक लाख रुपए की दलाली किया था। स्थानीय जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले पर नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि जब सरकारी कार्यालयों की स्थिति ऐसी है, तो आम जनता को न्याय और सेवाएं कैसे मिलेंगी? लोगों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद उप जिलाधिकारी कर्नलगंज का कहना है कि वीडियो की सत्यता की जांच कराई जा रही है और यदि इसमें कोई कर्मचारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी कार्यालय किसी भी शासन व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। इनकी गरिमा और कार्यसंस्कृति को बनाए रखना सिर्फ कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की जिम्मेदारी है। यदि इस तरह की लापरवाहियां अनदेखी होती रहीं, तो शासन पर से जनता का विश्वास उठने में देर नहीं लगेगी।