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नवोदित साहित्य संस्थान उ०प्र० की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न

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रिपोर्ट–राज कुमार विश्वकर्मा


छपिया/ गोण्डा।नवोदित साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश” की मासिक काव्य गोष्ठी रॉयलसन पब्लिक इंटर कॉलेज भोपतपुर( हथिनी खास) गोंडा में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता श्री वीरेंद्र नाथ पांडे और संचालन कृपा शंकर त्रिपाठी ने किया। सरस्वती वंदना करते हुए जोखू राम मौर्य ने कहा- “वंदन करता हूं जोड़े दोनों हाथ जननी। दर्शन दे दो ह्वके हंसा पर सवार जननी।। कवि सुधांशु गुप्त बसंत ने दोहा पढा – मजबूरी है पेट की, धूप लगे ज्यों छांव ।छांव सरीखा धूप है, झुलस रहे हैं पांव।। तत्पश्चात अपना कार्य पाठ करते हुए रघु भूषण तिवारी जी ने कहा- “ना मैंने जात देखा है ना मैंने पात देखा है। भारत की उन्नत को दिन और रात देखा है।।” इसके बाद हनुमान दीन पांडे बेधड़क ने अपनी रचना कुछ इस तरह प्रस्तुत की- “शहर में प्रदूषण की मार, शहर हमें नीको न लागे। हमें गांव से है बड़ा प्यार, शहर हमें नीको न लागे।। “इसी क्रम संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर बी एन शर्मा ने अपना काव्य पाठ कुछ इस प्रकार प्रस्तुत किया -“मंदिर मस्जिद मयखानें हैं, असफल कष्ट मिटाने में। सभी दर्द की दवा छिपी है, थोड़ा सा गम खाने में।।” इसके बाद प्रेम भावना का गुणगान करते हुए शत्रुघन सिंह कमालपुरी ने कहा कि- “नफरत हो जिस जगह, वहां खुशी नहीं टिक पाती। प्रेम भावना इस जीवन में ,अमृत रस बरसाती।।” युवा कवि अखिलेश पांडे ने अपना काव्य पाठ कुछ इस तरह प्रस्तुत किया-” मैं तेरे पास रहूं या किसी और के साथ ।सुकून तभी तक मिला, जब मैं खुद में रहा।। गोष्ठी में शिवम पांडे एवं हरि ओम सिंह ने भी अपनी रचना प्रस्तुत की। उक्त अवसर पर शैलेश चतुर्वेदी ,राहुल शर्मा,राज शर्मा, अनूप कुमार शर्मा, रवीन्द्र प्रताप शर्मा, सूरज वर्मा, सहित अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित रहे और काव्य पाठ का आनंद लिया।

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